नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सशस्त्र बलों के पात्र पेंशन भोगियों को ‘वन रैंक वन पेंशन’ (OROP) के बकाये को लेकर सोमवार (27 फ़रवरी) को केंद्र सरकार के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया. अदालत ने इस मामले में रक्षा मंत्रालय के सचिव से स्पष्टीकरण देने के लिए भी कहा है. जिसके बाद अब सरकार भी एक्टिव हो गई है और वन रैंक वन पेंशन (OROP) की बकाये राशि को एक ही बार में जारी करने का आदेश दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों के बाद रक्षा मंत्रालय ने सोमवार (27 फ़रवरी) को कंट्रोलर जनरल डिफेंस अकाउंट्स (CGDA) को एक ही किस्त में OROP की सभी बकाया राशि का जारी करने का आदेश दिया है. प्रवक्ता के अनुसार, 15 मार्च तक सभी पूर्व सैनिकों के बकाया एरियर का भुगतान कर दिया जाएगा. शीर्ष अदालत के मार्च 2022 के फैसले के बाद अभी तक यही तीसरी बार है, जब सरकार ने बकाये राशि के भुगतान को लेकर नई तिथि दी है. सर्वोच्च न्यायालय के मार्च के फैसले के बाद 3 माह यानी जून तक का वक़्त दिया गया था, उसके बाद तारीख को एक बार फिर सितंबर 2022 तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया था. शीर्ष अदालत ने 9 जनवरी 2023 को सभी पात्र पेंशनभोगियों के कुल बकाए के भुगतान के लिए केंद्र सरकार को 15 मार्च तक की समयसीमा दी थी. इसके बाद 20 जनवरी को रक्षा मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि, बकाये रकम का भुगतान चार किस्तों में किया जाएगा. सोमवार को मामले पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सचिव से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. मनीष सिसोदिया को जेल से छुड़वाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कांग्रेस सांसद, जानिए शराब घोटाले की एक-एक डिटेल ओवैसी के समधी मजहरुद्दीन ने की ख़ुदकुशी, बीवी ने दर्ज कराया था घरेलु हिंसा का केस कश्मीरी पंडित संजय शर्मा का कातिल आतंकी आकिब मुस्ताक मुठभेड़ में ढेर, दो दिनों में सेना ने लिया बदला