नई दिल्ली : बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की लगातार बढ़ती बिक्री को देखते हुए देश की चार अन्य कंपनियों ने पतंजलि के नाम से ही अपने उत्पाद बेचने लगे थे . जब इसकी जानकारी मिली तो पतंजलि की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दर्ज की गई .दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार आयुर्वेद कंपनियों और एक ट्रस्ट के पतंजलि नाम से उत्पाद बनाने, बेचने या विज्ञापन करने पर रोक लगा दी, क्योंकि यह योग गुरु रामदेव की कंपनी का पंजीकृत ट्रेडमार्क है. उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति राजीव सहाय ने यह आदेश रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की याचिका पर दिया.बता दें कि इस याचिका में कहा गया कि उसके ट्रेडमार्क के नाम से कर्मवीर आयुर्वेद, डॉ. जी बायोटेक, धात्रि और दिवाई ग्रामोद्योग सेवा संस्थान नाम की चार फर्म अपने उत्पाद बना भी रही हैं और बेच रही हैं.खास बात यह है कि पतंजलि ने यह बताया कि ये फर्म यह कह रही हैं कि वे ऐसा महर्षि पतंजलि वैदिक फाउंडेशन नामक ट्रस्ट की मंजूरी के बाद कर रही है, जबकि यह झूठ है. बता दें कि इस मामले में चारों कंपनियों कर्मवीर आयुर्वेद, डॉ. जी बायोटेक, धात्रि और दिवाई ग्रामोद्योग सेवा संस्थान को पतंजलि ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने से रोकते हुए अदालत ने उन्हें नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली तारीख 16 मई तक उनका जवाब मांगा है. स्मरण रहे कि ट्रेड मार्क और कॉपी राइट एक्ट के तहत किसी दूसरे के नाम से पंजीकृत संस्था या फर्म के नाम का उपयोग करना कानूनन गलत है. यह भी देखें पीली धातु चमकी 19 राज्यों में लागू हो चुकी है नई स्टार्टअप नीति