संयुक्त राष्ट्र : भारत की 10 साल लंबी मेहनत सफल, मसूद अजहर वैश्विक आतंकी घोषित

लगभग 10 साल के अथक प्रयासों के बाद भारत ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में सफलता हासिल की. यह संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद-विरोधी मोर्चे पर भारतीय नेतृत्व की अहमियत को बताता है. भारत ने जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ विकास के मुद्दे पर भी आगे बढ़कर पूरी दुनिया का नेतृत्व किया. आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई और आतंकियों को न्याय के कठघरे तक पहुंचाने की इसकी प्रतिबद्धता को वर्ष 2019 के ऐतिहासिक लम्हों के तौर पर याद किया जाएगा.

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14 फरवरी को पुलवामा में जैश-ए-मुहम्मद द्वारा सीआरपीएफ के जवानों पर हमले ने सभी को आक्रोशित कर दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इसकी कड़ी निंदा की. पहली बार संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों ने एक बयान जारी किया. उक्‍त बयान में पुलवामा में घृणित और कायराना आत्मघाती हमले की सख्त लहजे में निंदा की गई. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस घटना के दो महीने बाद भारत को उस वक्त बड़ी सफलता हाथ लगी, जब सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति ने 1 मई को अजहर पर पाबंदी लगा दी. परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने शुरुआत में तकनीकी आधार पर अड़ंगा लगाते हुए वीटो का प्रयोग किया, लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रस्ताव के बाद चीन पीछे हट गया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'अगर हम पीछे मुड़कर देखें, तो यह साल हमारे लिए कई सफलताओं वाला रहा. यह ऐसा साल रहा, जब हमें हमारे वर्षो के प्रयासों का फल मिला. लगभग एक दशक की कोशिशों के बाद हम मसूद अजहर को आतंकवादियों की सूची में डलवाने में सफल रहे.

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