बर्लिन: आज के इस वर्तमान युग में बढ़ती जा रही कोरोना की मार से आज ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जो परेशान न हो. इस वायरस का कहर इत्तना बढ़ चुका है कि हर दिन इसकी चपेट में सैंकड़ों लोग आ रहे है. वहीं इस वायरस ने अब तक हजारों लोगों की जान ले चुका है. जंहा अभी भी यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही इस बीमारी में निजात मिल जाएगा. यहीं नहीं न केवल इस वायरस ने लोगों के मानवीय जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि इस वायरस के खौफ से आज पूरी दुनिया में दहशत का माहौल बन चुका है. इतनी मौतों के बाद हर किसी के मन में ये सवाल उठना लाजिमी भी है कि आखिर कोरोना वायरस के शिकार होने वाले लोगों की इतनी जल्द मौत क्यों हो जा रही है? आखिर ये वायरस मनुष्य के शरीर में ऐसा क्या कर दे रहा है जिससे वो अधिक दिन तक जिंदा नहीं रह पाता है. इसी तरह की मौतों को केंद्रित करते हुए हाल ही में लांसेट पत्रिका में एक स्टडी छपी है जिसमें ये बताया गया है कि हर साल दुनिया भर में होने वाली मौतों में से एक चौथाई का कारण सेप्सिस होता है. मिली जानकारी के अनुसार यदि किसी संक्रमण के चलते व्यक्ति के शरीर का प्रतिरोधी तंत्र इतना ज्यादा सक्रिय हो जाए कि उसके कारण अंग ठीक से काम करना बंद कर दें तो ऐसी जानलेवा स्थिति को सेप्सिस कहते हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि ऐसी खतरनाक प्रतिक्रिया के कारण शरीर के भीतर ऊतक नष्ट हो सकते हैं, ऐसे में शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं जिससे उसकी मौत भी हो सकती है. जंहा रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में लांसेट पत्रिका में एक स्टडी छपी है जिससे पता चलता है कि हर साल दुनिया भर में होने वाली मौतों में से एक चौथाई का कारण सेप्सिस ही होता है. 2015 की रिपोर्ट देखें तो अकेले केवल जर्मनी में ही अस्पतालों में मरने वाले करीब 15 फीसदी लोगों की मौत का कारण सेप्सिस दर्ज किया गया जोकि तमाम तरह के खतरनाक कैंसर के कारण होने वाली मौतों से भी ज्यादा है. खबर के अनुसार जर्मन सेप्सिस फाउंडेशन की सलाह है कि लोगों को इन्फ्लूएंजा वायरस और न्यूमोकॉक्कस के खिलाफ टीका लगवाना चाहिए. कमजोर प्रतिरोधी तंत्र वाले नवजात बच्चों और डायबिटीज, कैंसर, एड्स और दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बुजुर्गों को तो इसका खास खतरा होता है. इस ब्लड ग्रुप के लोगो में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा , रिपोर्ट में हुआ खुलासा कोरोना वायरस के सामने कुत्ते ने तोड़ा दम, मौत पर हुआ चौकाने वाला खुलासा ऑस्ट्रेलिया में 6 महीने तक कोरोना वायरस मचा सकता है कोहराम