ललितपुर: कोई राजनेता या राजनीति से सम्बंधित्र व्यक्ति अगर अच्छी सड़क या नालियों को साफ़ कराकर ही खुद को विकास पुरूष का नाम दे दे, तो यह निश्चित गलत हैं. अभी तक नगर पालिका अध्यक्ष रहे जन प्रतिनिधि यही सब करते हुए नजर आये हैं. और वे इसी काम के बलबूते खुद को विकास पुरूष का नाम भी देते रहे हैं, लेकिन शिक्षा के स्तर को सुधारे बिना और शिक्षा के क्षेत्र में काम किये बिना उनका विकास पुरूष कहलाना गलत हैं. हकीकत कुछ और ही बयां करती हैं. इन जनप्रतिनिधियों ने शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और उठाने के लिए कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं दिखाई. नगर पालिका द्वारा संचालित बालक व बालिका दोनों इंटर कॉलेजों के हालात बहुत ही खस्ता हैं. दशकों बीत जाने के बाद भी कोई नपा अध्यक्ष इन दोनों इंटर कॉलेजों को कॉमर्स व साइंस साइड की मान्यता तक नहीं दिला सका है. शिक्षक स्थाई नहीं हैं, इसके लिए ठेके पर शिक्षकों को पढ़ाई के लिए रखा जा रहा हैं. बालकों को पीएन इंटर कॉलेज और बालिकाओं का नगर पालिका बालिका इंटर कॉलेज दोनों में ही हाईस्कूल तक की कक्षाएं मध्यमिक शिक्षा परिषद के सहायता प्राप्त हैं. ये दोनों ही विद्यालय देश को आजादी प्राप्ति के पहले मिले थे. पीएनइंटर कॉलेज में हाईस्कूल की नींव वर्ष 1944 में रखी गई और फिर 1997 में इंटरमीडिएट की कक्षाएं शुरू की गई. बालिका इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की नींव 1971 में और इंटरमीडिएट की कक्षाएं 2001 से शुरू की गई थीं. इतने सालों में अनेको अध्यक्ष आये, और चले गए लेकिन किसी ने भी बच्चों के लिए कॉमर्स व साइंस की बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के बारे में नही सोचा. साथ ही बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ने वाले शिक्षक भी ठेके के भरोसे ही चल रहे हैं, एवं ये दोनों ही विद्यालय बिना प्रधानाचार्य के संचालित हो रहे हैं. यें भी पढ़ें- शिक्षक सुधारेंगे शिक्षा की गुणवत्ता 'बिहार बोर्ड' फिर फंसा नंबर घोटाले के भंवर में रेलवे में निकली 12th पास के लिए भर्ती, 29000 रु होगा वेतन जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ.