वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव को ओवैसी ने बताया 'मजहबी आज़ादी' का उल्लंघन, कल बिल पेश करेगी सरकार !

हैदराबाद: आईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर भाजपा नीत एनडीए सरकार की कड़ी आलोचना की है और तर्क दिया है कि इससे वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता कमजोर होगी और प्रशासनिक अराजकता पैदा होगी।

ओवैसी ने भाजपा पर "हिंदुत्व एजेंडा" को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि आरएसएस वक्फ संपत्तियों को जब्त करने पर आमादा है। उन्होंने दावा किया कि संशोधन वक्फ बोर्ड के अधिकार को छीनने और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने के लिए तैयार किए गए हैं। ओवैसी ने कहा, "इन संशोधनों के पीछे असली मकसद वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को कमजोर करना और धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करना है। मोदी सरकार सुधार की आड़ में वक्फ संपत्तियों को निशाना बना रही है।" कैबिनेट ने हाल ही में वक्फ अधिनियम में 40 संशोधनों को मंजूरी दी है, जिसके अगले सप्ताह संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। इन संशोधनों के तहत वक्फ बोर्ड की सभी संपत्ति के दावों का सत्यापन अनिवार्य होगा। वर्तमान में, वक्फ बोर्ड लगभग 940,000 एकड़ में फैली लगभग 870,000 संपत्तियों की देखरेख करते हैं।

सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित संशोधनों में वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियों का अनिवार्य सत्यापन आवश्यक होगा, जिससे दरगाहों और मस्जिदों पर विवाद पैदा हो सकता है। ओवैसी ने न्यायिक प्राधिकरण पर अतिक्रमण करने के प्रयास के लिए सरकार की आलोचना की, उन्होंने सुझाव दिया कि भाजपा और आरएसएस धार्मिक संस्थानों को कमजोर कर रहे हैं।

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