कहते है वक़्त इंसान को कुछ भी बना देता है, और जब हमारे अपने इस बुरे वक़्त में साथ न दे तो ज़िंदगी किसी नर्क से कम नहीं होती, लेकिन उसके बावजूद इन परिस्थितियों से जो लोग निकल जाते है वो राजा सिंह बन जाते है. जी हाँ दिल्ली की सड़कों पर अपनी ज़िंदगी को किसी तरह दो वक़्त की रोटी के सहारे गुजार रहे राजा सिंह की कहानी कुछ ऐसी ही है, पढ़कर दुःख हो या या इस कहानी से कुछ सिखने को मिले ये आपके हाथ में है. दिल्ली में रहने वाले अविनाश सिंह ने अपने फेसबुक पर पोस्ट डाली जिसमें राजा सिंह के का जिक्र किया गया है. दिल्ली की सड़कों पर 40 साल से ज़िंदगी गुजार रहे राजा सिंह वैसे तो ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े है, 1960 में पढ़ाई पूरी करने के बाद भाई के कहने के पर वापस दिल्ली लौट आए और भाई के साथ मिलकर बिजनेस शुरू किया. एक समय के बाद भाई की मौत हो गई बिजनेस पूरी तरह से ठप्प हो गया, लेकिन फिर भी कैसे करके राजा सिंह ने अपने बच्चों के लिए लोन लेकर उन्हें विदेश में पढ़ाने का इंतजाम किया लेकिन बेटों ने बाप के इस एहसान का 1 प्रतिशत भी कर्ज नहीं चुकाया और बाप को दोनों बेटों ने सेटल हो जाने के बाद कहीं नहीं छोड़ा. राजा सिंह के दोनों बेटे विदेश में अपनी पत्नियों के साथ रहते है. दोनों बेटों ने विदेशी लड़कियों से शादी करने के बाद बाप की तरफ कभी पलट के नहीं देखा. राजा सिंह के अनुसार एक बेटा ब्रिटेन में है वहीं दूसरा अमेरिका में. राजा सिंह दिल्ली में वीजा ऑफिस के बाहर फॉर्म भरने का काम कर दो टाइम की रोटी का जुगाड़ कर लेते है. ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े इस इंसान की कहानी सुनने में जरूर अनोखी है लेकिन क्या करे साहब आजकल के रिश्तों का यही हाल है. गूगल की बदौलत मोदी बने इंडिया के पहले प्रधानमंत्री Video: जमीन के अंदर सभी सुविधाओं के साथ बसे है यहाँ के लोग जब पुराने लॉटरी टिकट से युवक बन गया 4 मिलियन का मालिक