सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिज मदन लोकुर से पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम प्रभावित नजर आए. वह आईएनएक्स-मीडिया से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय के मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे. दरअसल, लोकुर ने कहा है कि भारत के नए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के पास शीर्ष अदालत की विश्वसनीयता और कद को तत्काल बहाल करने की जिम्मेदारी है. तेजप्रताप यादव की नई पोशाक ने लोगों को किया हैरान, कालीन मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचे मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसी को लेकर चिदंबरम की ओर से उनके परिवार ने ट्वीट में लिखा, ''जस्टिस मदन लोकुर की साफगोई और स्पष्टता चकित करती है.'' एनसीआर: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शाह पर कसा तंज, कहा- किसी के बेहकावे में न आएं अगर आपकों नही पता तो बता दे कि, किसी भी विशिष्ट मामले का जिक्र किए बिना लोकुर ने लिखा, ''किसी को भी बिना प्रभावी कारण या एक सील बंद लिफाफे में जजों को दी गई जानकारी के आधार पर जेल में नहीं डाला जा सकता है. किसी को समय न होने की वजह से या गलत सूचना के कारण, या क्योंकि कोई व्यक्ति जेल में सुरक्षित है इसलिए भी जेल में नहीं रखा जा सकता है.'' सीएम अशोक गहलोत ने उठाया बड़ा कदम, कहा- जीएसटी का गलत तरीके से रिफंड... कयास लगाए जा रहे है कि न्यायिक हिरासत में चल रहे चिदंबरम जस्टिस लोकुर की इन बातों को खुद से जोड़कर देख रहे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस नेता की ओर से एक अखबार का जिक्र करते हुए एक और ट्वीट किया गया. इस ट्वीट में लिखा है, "राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम न्यायिक अभिरक्षा में बने हुए हैं क्योंकि सरकारी एजेंसियां और कानून अधिकारी इस बात को दिखाते हैं कि वे विशेष रूप से विपक्षी नेताओं का पीछा करने के लिए आरक्षित हैं.” चुनावी चंदे वाले इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बवाल, विपक्षी दल ने सरकार को घेरा हरियाणा कांग्रेस : कार्यकर्ताओं से मिला फीडबैक, संगठनों को ताकतवर बनाने के लिए करेगी ये काम दिल्ली में सीएम केजरीवाल के खिलाफ पोस्टर दिखे, जल बोर्ड के अध्यक्ष से मांगा जवाब