वैशाली: कुढ़नी का नौलखा मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र है बल्कि यह निर्धन परिवारों के लिए बड़ी उम्मीद भी बनता जा रहा है। इस मंदिर में बेटियों की शादी की सारी व्यवस्था फ्री की जाती है। कुढ़नी प्रखंड के बलिया-बलौर मार्ग में मुजफ्फरपुर कमतौल स्थित त्रिवेणी सिंह बालिका उच्च विद्यालय के समीप स्थित इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष निर्धन परिवारों की 500 से ज्यादा कन्याओं का विवाह बिना किसी खर्च के होता है। भगवान महादेव एवं हनुमान के इस मंदिर में का निर्माण 1992 में कमतौल निवासी शिव कुमार सिंह ने कराया था। उस समय मंदिर निर्माण में 9 लाख रुपये का खर्च आया था। इससे इसका नाम नौलखा मंदिर पड़ा। शिव कुमार के निधन के पश्चात् उनके बेटे प्रेमनाथ एवं ललन मंदिर की देखरेख करते है। प्रेमनाथ ने बताया कि उनके पिता कोलकाता में पान की दुकान चलाते थे। घर पर जमीन जायदाद थी। एक रात उनके सपने में भगवान महादेव आए। उन्होंने मंदिर बनाने को कहा। तत्पश्चात, उनके पिता गांव चले आए तथा रुपये की व्यवस्था कर इस मंदिर का निर्माण कराया। मुजफ्फरपुर एवं वैशाली जिले की सीमा पर स्थित इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष कन्याओं की शादी कराने वाले परिवारों का तांता लगता है। गांव के संजय पटेल बताते हैं, मंदिर की तरफ से कन्या के परिवार वालों को विवाह से जुड़ी हर सुविधा एवं व्यवस्था निशुल्क दी जाती है। मंदिर के पास से नून नदी गुजरती है। स्थानीय निवासी संजीव कुमार रवि ने बताया कि पहले इस मार्ग से होकर आने-जाने में डर लगता था। मंदिर का निर्माण होने से क्षेत्र धार्मिक स्थल में बदल गया है। मुजफ्फरपुर एवं वैशाली ही नहीं, आपस के कई जिलों के लोग बेटी की शादी करने यहां पहुंचते हैं। नौलखा मंदिर की शोभा सावन माह एवं महाशिवरात्रि में और बढ़ जाती है। रमेश कुमार छोटन ने बताया कि मंदिर को लेकर लोगों में गहरी आस्था है। हर सोमवार को भगवान महादेव का महाश्रृगांर किया जाता है। महाशिवरात्रि में झांकी निकाली जाती है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़ी महिलाऐं, आगजनी की कोशिश '15 दिन में खुद अतिक्रमण हटाओ, वरना..', दिल्ली की 2 बड़ी मस्जिदों को रेलवे का नोटिस आधुनिक चरणों के लिए प्राचीन गूँज: भारतीय रंगमंच के विकास का पता लगाना