नई दिल्ली: दिल्ली के साकेत कोर्ट ने आज कथित यौन उत्पीड़न के मामले में पर्यावरणविद और पूर्व टीईआरआई निदेशक आरके पचौरी के खिलाफ आरोपों को तैयार करने का आदेश दिया है. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 ए (एक महिला की विनम्रता को अपमानित करना), 354 (यौन उत्पीड़न), 509 (किसी महिला की विनम्रता को अपमानित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्द) के तहत मामले तैयार किए जाएंगे. केरल नन रेप केस: बिशप को बचाने आगे आया मिशनरी ऑफ़ जीसस, नन को बताया झूठा हालांकि, कोर्ट ने पचौरी को कुछ अन्य धाराओं से बरी कर दिया, इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को निर्धारित की गई है. गौरतलब है कि 2015 को पचौरी के खिलाफ केस दर्ज हुआ था, फिर 21 मार्च को उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी. अदालत के आज के फैसले के बाद पीड़ित लड़की ने कोर्ट के ऑर्डर के बाद थोड़ी राहत मिलने की बात कही. उन्होंने कहा, 'यह आसान नहीं था, सच्चाई सामने लाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा.' डीयूएसयू चुनाव: अजय माकन ने उठाई दोबारा चुनाव की मांग, लगाया ईवीएम से धोखाधड़ी का आरोप बता दें कि 13 फरवरी 2015 में पचौरी की एक पूर्व साथी ने उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, इसके बाद फरवरी 2016 में एक अन्य महिला ने ऐसे ही आरोप लगाए. दूसरी महिला के मुताबिक, उनके साथ यह सब 10 साल पहले हुआ था, महिला ने TERI को उन्हें कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त करने की आलोचना भी की थी. खबरें और भी:- अगर आज है आपका जन्मदिन तो ऐसा होगा आपका भविष्य जम्मू कश्मीर: खाई में गिरी यात्रियों से भरी बस, 13 की मौत इंदौर में मोदी : बोहरा समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी, शिवराज भी हुए शामिल