देश के नामी तीरंदाजों में शुमार अर्जुन अवार्डी लिंबा राम को न्यूरोसिस्टसरकोसिस हो गया है. उनके दिमाग में टेपवर्म के लारवा यानि कीड़े पाए गए हैं. लॉकडाउन में फंसे होने के चलते उनका इलाज नहीं हो पा रहा है. लॉकडाउन के बाद से उनके पैरों की सूजन कम करने वाला इंजेक्शन नहीं दिया जा सका है. उनके पैरों की सूजन बढ़ गई है जिसके चलते वह चलने फिरने में लाचार हो गए हैं. दिल्ली के साई हॉस्टल में रहकर इलाज करा रहे लिंबा राम की पत्नी जेनी ने गुहार लगाई है कि उनके पति को इंजेक्शन लगाने के लिए लैब ब्वाय भेज दिया जाए, साथ ही किसी तरह डॉक्टर लिंबा को हॉस्टल में आकर देख लें. शरीर में फैल रहा है जहर: लिंबा की पत्नी के मुताबिक उनके पति को न्यूरोसिस्टसरकोसिस होने का खुलासा इसी माह आई एमआरआई की रिपोर्ट में हुआ है. यही नहीं रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि उनके शरीर में एक तरह का मेटल फैल रहा है, जिससे उनके शरीर और दिमाग में धीरे-धीरे जहर फैलता जा रहा है. लिंबा का इलाज बीते वर्ष से एम्स में चल रहा है. लिंबा को इलाज में कोई दिक्कत नहीं आए. इसकेलिए उन्हें साई हॉस्टल में रुकाने की व्यवस्था की गई. लॉकडाउन से पहले तक लिंबा की स्थिति में सुधार हो रहा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद उनकी हालत बिगड़ रही है. लिंबा की इस वक्त प्रतिरोधक क्षमता बिगड़ी हुई है. ऐसे में उन्हें एम्स में ले जाना खतरे से खाली नहीं है. डॉक्टरों ने भी उन्हें हॉस्टल में रहने की सलाह दी थी. पैरों की सूजन नियंत्रण में रहे इसके लिए इंजेक्शन लगाने को दिया गया था. इस इंजेक्शन को लैब ब्वाय लगा रहा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद उसका आना भी बंद हो गया है. डर है कहीं पूरी तरह बिस्तर पर न पड़ जाएं लिंबा: जेनी का कहना है कि जिस तरह से लिंबा के पैरों की सूजन बढ़ रही है, ये अच्छे संकेत नहीं है. उन्हें लगता है कि कहीं वह एक बार फिर पूरी तरह बिस्तर पर न पड़ जाएं. जेनी को हैरानी है कि साल 2016 से लिंबा के पैरों में सूजन आ रही है, लेकिन इस पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है. महंगाई भत्ता रोके जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सेना के अफसर, दाखिल की याचिका यूपी में करवट बदलेगा मौसम, तेज हवाओं के साथ बरसेंगे बादल क्या डेटॉल पीने से मर जाएगा कोरोना ? ट्रम्प के बयान के बाद कंपनी ने कही ये बात