पाक अगर जाधव केस में ICG का फैसला नहीं मानता तो फिर भारत के पास है मजबूत विकल्प

नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने कल गुरुवार को भारत के पक्ष में फैसला देकर कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर अंतरिम रोक लगा दी है. यह अभी आधी जीत है. अब यहां सवाल यह है कि यदि पाकिस्तान ने आईसीजे के फैसले को मानने से इंकार कर दिया तो क्या होगा और ऐसी परिस्थिति में भारत के पास कुलभूषण को बचाने के लिए कौन से विकल्प खुले है इन पर नजर डालते है.

उल्लेखनीय है कि कुलभूषण जाधव के मामले में कल गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने भारत की दलील को मानते हुए उनकी फांसी की सजा पर अंतरिम रोक लगा दी है. लेकिन लगता नहीं है कि पाकिस्तान इस फैसले पर अमल करेगा, क्योंकि अपनी हार के लिए पहले से ही आशंकित पाकिस्तान ने कह दिया था कि वह अंतर्राष्ट्रीय अदालत का फैसला नहीं मानेगा. अब जबकि यह फैसला भारत के पक्ष में गया है जिसे पाकिस्तान को मानना ही पड़ेगा क्योंकि आईसीजे चार्टर के अनुच्छेद 59 के अनुसार इस अदालत का फैसला सभी पक्षों को मानना जरुरी है.अंतर्राष्ट्रीय अदालत का फैसला पाकिस्तान पर बाध्यकारी है,लेकिन उसने इस फैसले को ठेंगा दिखा दिया तो भारत को सुरक्षा परिषद के पास अपील के लिए जाना पड़ेगा.यूएन चार्टर के अनुच्छेद 94 के अनुसार अगर यूएन का कोई सदस्य देश अंतर्राष्ट्रीय अदालत का फैसला नहीं मानता है तो फिर दूसरा पक्ष सुरक्षा परिषद में अपील कर सकता है.

बता दें कि सुरक्षा परिषद् सैद्धांतिक दृष्टि से दुनिया की सबसे मजबूत संस्था है, क्योंकि इसके सदस्य देश अमेरिका, रूस, चीन, इंग्लैंड और फ्रांस हैं.ये पांच महाशक्तियां पाकिस्तान पर आर्थिक और दूसरे तरह के प्रतिबंधों का दबाव डाले तो फिर पाकिस्तान को अपना रूख बदलना पड़ सकता है.लेकिन व्यावहारिक तौर पर ये आसान नहीं है,क्योंकि सुरक्षा परिषद् की वीटो व्यवस्था और चीन के भारत विरोधी रूख को देखते हुए इसमें सफलता संदिग्ध है. ऐसे में भारत सुरक्षा परिषद के साथ साथ दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर सकता है. भारत अंतर्राष्ट्रीय संपर्कों से भी पाकिस्तान पर दबाव डलवा सकता है.यदि पाकिस्तान फिर भी अपनी जिद पर अड़ा रहता है, तो फिर सरकार दूसरे अंतिम विकल्प पर भी विचार कर सकती है.

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