इस्लामाबाद : पाकिस्तान दूतावास के दो स्टाफ को जब अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी नेशनल डायरेक्ट्रेट ऑफ सिक्यूरिटी (NDS) ने हिरासत में ले लिया तो पाकिस्तान को वियना संधि याद आ गई. जबकि यही पाकिस्तान भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में वियना संधि की धज्जियां उड़ाने को सही मानता है. "जाकै पैर न पड़ी बिवाई, वह क्या जाने पीर पराई" यह कहावत पाकिस्तान पर बिलकुल मुफीद बैठ रही है. एक पाकिस्तानी अखबार के अनुसार अफगान खुफिया एजेंसी NDS ने उसके दो स्टाफ को उस समय हिरासत में लिया, जब वे खरीददारी करने के लिए दूतावास से बाहर गए थे. NDS के अधिकारी पाकिस्तानी स्टाफ और उनकी गाड़ी को बंदीगृह ले गए. इस घटना से बौखलाए पाकिस्तान ने कहा यह वियना संधि का उल्लंघन है. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सरकार से अपील की है कि वह राजनयिकों, दूतावास परिसर और दूतावास के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. बता दें कि इस घटना के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर 1961 की वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है. यह मामला उस समय आया है, जब पाकिस्तान जाधव से भारतीय राजनयिक को मुलाकात करने की इजाजत नहीं दे रहा है. इससे पाकिस्तान का दोगलापन जाहिर हो गया है. पाकिस्तान आतंकवाद का पनाहगाह है. भारत और अमेरिका के बाद अब अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को संरक्षण देने और दूसरे देशों में निर्यात करने का आरोप लगाया है. यह भी देखें पाकिस्तान ने आज फिर तोड़ा सीज़फ़ायर, बालाकोट सेक्टर में की फायरिंग भारत की जीत, अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगाई रोक