इस्लामाबाद: विश्वभर में कोरोना वायरस के संकट के चलते हुए ईरान, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों ने मस्जिदों में होने वाली नमाज से लेकर सभी प्रकार के जलसे पर रोक लगा दी है. किन्तु पाकिस्तान में स्थिति ठीक इससे विपरीत है. पाक सरकार कट्टरपंथियों के आगे मजबूर है और उनसे नाराजगी नहीं मोल लेना चाहती. पाकिस्तान में शुक्रवार तक कोरोना वायरस से 11 लोगों की अब तक जान जा चुकी है और 1200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्‍तानी सेना, मुल्क में लाखों की संख्या में चल रहे मदरसों और मस्जिदों में नमाज के लिए प्रतिबन्ध लगाने के खिलाफ है. दरअसल, पाक सेना अफगानिस्तान और कश्मीर में भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियोंं के लिए इन कट्टरपंथियों पर आश्रित है. इसीलिए वह इन पर बैन नहीं लगाना चाहती. जानकारों के अनुसार, पाकिस्तान में चल रहे आतंकी शिविरों में हजारों की संख्या में आए दिन युवाओं की भर्ती की जाती है और इन युवाओं की आतंकी संगठन में भर्ती के लिए कट्टरपंथी अहम् भूमिका निभाते हैं. ऐसे समय में पाक सेना कट्टरपंथियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती. यही कारण है कि वो इमरान सरकार के ऐसे किसी भी फैसले की खिलाफत कर रही है, जिसमें मस्जिदों पर बैन लगाने की कोशिश की जा रही हो. कोरोना की बढ़ी मार तो क्रिकेट पर लग गया ब्रेक कोरोना: पाक में जरुरी सामन के आवागमन पर लगी रोक हटी, इमरान ने किया ऐलान फ्रांस में चारों तरफ मातम ही मातम, एक ही दिन में 299 मरीजों ने तोड़ा दम