इस्लामाबाद: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में पहला तख्तापलट तो आजादी के कुछ सालों के बाद ही हो गया था. अब पाकिस्तान में एक बार वापस ऐसा ही हो सकता है. पाकिस्तान की फ़ौज का पीएम इमरान खान से मोह भंग होता नज़र आ रहा है. अब वहां इमरान खान की सरकार के खिलाफ तख्तापलट के प्रयास शुरू हो गए हैं. इसके तीन बड़े कारण हैं.- पहला- पाकिस्तान की फ़ौज के साथ इमरान खान के बारे पूरी तरह बिगड़ चुके हैं. दूसरा- पाक सरकार ने कट्टर इस्लामिक संगठनों के समक्ष घुटने टेक दिए हैं. तीसरा- पाकिस्तान में महंगाई आसमान छु रही है. बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का नया प्रमुख बनाया गया है. पाकिस्तान में ISI ही सेना के साथ मिलकर देश को लेकर अधिकतर बड़े फैसले लेती है. हालांकि ISI के प्रमुख के रूप में नदीम अंजुम की नियुक्ति से इमरान खान खुश नहीं हैं. कहा जा रहा है कि उन्होंने नदीम अंजुम के नाम को स्वीकृति देने में तीन सप्ताह का समय लिया. नदीम अंजुम ISI के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद की जगह लेंगे, जिन्हें इमरान ख़ान का बेहद ख़ास माना जाता है. फैज हमीद ने ही साल 2018 में इमरान खान की पार्टी को चुनाव में जिताने में एक अहम भूमिका निभाई थी. अगले साल यानी वर्ष 2022 में पाक के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उसके अगले साल यानी वर्ष 2023 में पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं. इमरान खान चाहते थे कि फैज हमीद को नया आर्मी चीफ बनाया जाए और इसके बदले में फैज हमीद उन्हें 2023 का चुनाव जिताने में सहायता करें. लेकिन, पाकिस्तान की फ़ौज इसके लिए तैयार नहीं हुई और इमरान खान का ये प्लान नाकाम हो गया. वहीं, इसी दौरान इमरान सरकार, कट्टरपंथी संगठन तहरीके लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के आगे भी झुक गई. ये वही संगठन है जिसने कुछ महीनों पूर्व फ्रांस के खिलाफ लाहौर की सड़कों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था. दरअसल फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता करार दिया था और उसका समर्थन किया था. TLP उसके बाद से ही ये मांग कर रहा था कि पाकिस्तान से फ्रांस के राजदूत को वापस भेज दिया जाए और फ्रांस के साथ सभी व्यापारिक रिश्ते खत्म कर दिए जाएं. श्रद्धालुओं के लिए एक बार फिर खोला गया करतारपुर कॉरिडोर संयुक्त अरब अमीरात, इज़राइल व्यापार के समझौते पर चर्चा शुरू करेंगे अबू धाबी ने देश में ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित की