इस्लामाबाद: पाकिस्तान में कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक मे चिकित्सा सुविधाओं और भोजन की कमी के चलते लोगों को गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है। चीन के झिंजियांग प्रांत की सीमा से सटे क्षेत्र गिलगित-बाल्टिस्तान में पहले से ही 800 से ज्यादा कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। लेकिन, संकट से निपटने के लिए कोई बुनियादी चिकित्सा ढांचा मौजूद नहीं है। पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्ट में बताया गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में सिर्फ दो पुराने मॉडल वाले वेंटिलेटर हैं और क्षेत्र को संघीय सरकार से कोई चिकित्सा सहायता और सप्लाई नहीं मिली है। मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉक्टर अमजद अयूब मिर्जा ने एक ट्वीट में दावा किया कि गिलगित-बाल्टिस्तान में सिर्फ दो वेंटिलेटर हैं। एस्टोर के वकील मोहम्मद बकर मेहेदी ने कहा कि वे (सरकार) धन और दान हासिल करते हैं, लेकिन वे उन पैसों का उपयोग अपने उद्देश्य के लिए करते हैं, न कि लोगों के कल्याण के लिए। हालांकि, उन्हें यह एहसास नहीं है कि यह वे लोग हैं, जिन्होंने उन्हें सत्ता पर बैठने के लिए जनादेश दिया है। उन्होंने आगे कहा कि मैं अधिकारियों से इस क्षेत्र पर ध्यान देने का आग्रह करता हूं, जो पहले से ही अधिकारों से वंचित थे। कोरोना वायरस के कारण बेरोजगारी बड़े पैमाने पर बढ़ गई है। इस बीच, पाकिस्तान के अस्पतालों के डॉक्टर कोरोना वायरस रोगियों की बढ़ती हुई संख्या देख रहे हैं। देश में कुल पुष्टि किए गए कोरोना वायरस मामलों की तादाद पड़ोसी चीन में संख्या से अधिक है। ईरान में फिर बढ़े कोरोना के केस, गुरुवार को सामने आए इतने नए मामले पीएम मोदी के निजी सचिव को मिली अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी, 'वर्ल्ड बैंक' में संभालेंगे ये अहम पद मलेरिया की दवा के पक्ष में प्रचार कर चुके है ट्रम्प, मेडिसिन के खिलाफ है नए परीक्षण