वाॅशिंगटन। एक ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 7 मुस्लिम बाहुल्य वाले राष्ट्रों के नागरिकों को अपने देश में न आने देने का आदेश जारी कर दिया और इस पर न्यायालय ने रोक लगा दी वहीं अब यह बात सामने आ रही है कि ऐसे देशोें में पाकिस्तान के नागरिकों को भी शामिल किया जा सकता है। इस मामले में व्हाइट हाउस के चीफ आॅफ स्टाॅफ रींस प्रीबस द्वारा कहा गया है कि इन 7 देशों को चुना गया और इसका कारण यह है कि कांग्रेस और बराक ओबामा प्रशासन दोनों ने इस तरह के देशों के रूप में ऐसे लोगों की खोज की जो कि आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त थे। गौरतलब है कि ट्रंप ने अपने एक आदेश में ईरान, इराक, लीबिया, सूडान, यमन, सीरिया व सोमालिया के प्रवासियों के अमेरिका में आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के ही साथ कुछ और देश भी प्रतिबंध के दायरे मेें आ सकते हैं। हालांकि ट्रंप के प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मिलीजुली प्रतिक्रियाऐं आ रही हैं गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग पहले ही ट्रंप के इस आदेश का विरोध कर चुके हैं। गूगल ने उन देशों से अपने कर्मचारियों को बुलाने का निर्णय लिया है जहां के लोगों पर ट्रंप ने प्रतिबंध लगाया है। भारतीय अमेरिकी महिला से अमेरिकी पुलिस ने पूछे ये सवाल ईरान ने लगाया अमेरिकियों पर प्रतिबंध डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ खड़े हुए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद