लाहौरः पाकिस्तान की एक अदालत ने हाल ही में अंधाधुन फायरिंग के एक चार साल पुराने मामले में एक बहुत बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद पाकिस्तान की विश्व स्तर पर छवि थोड़ी बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है. स्कूल के नीचे मिली दूसरे विश्व युद्ध की सुरंग, जहां बच्चों ने बयान किया अपना दर्द दरअसल पाकिस्तान की एक उच्च अदालत ने हाल ही में 2014 में हुए के चार साल पुराने गोलीकांड के मामले में 116 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इन पुलिस कर्मियों ने आज से चार साल पहले लाहौर में सैकड़ों लोगों पर अंधाधुन फायरिंग कर दी थी. यह घटना साल 2014 में पाकिस्तान के लाहौर के मॉडल टाउन इलाके में घटित हुई थी, जब यहाँ पर अतिक्रमण के खिलाग एक अभियान चलाया जा रहा था. इस अभियान के तहत एक पाकिस्तानी मौलवी ताहिर उल कादरी के घर के बाहर पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) के कई कार्यकर्त्ता जमा हो गए थे और विरोध कर रहे थे. इस मंदिर में की जाती है मां शक्ति के हार की पूजारूस: कॉलेज में छात्र ने की गोलीबारी, 19 लोगों की मौत, 39 गंभीर इन कार्यकर्ताओं को बिखेरने के लिए पुलिस ने इनपर अंधाधुन फायरिंग शुरू कर दी. इस गोलीबारी में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 100 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए थे घायल हो गए थे. इस खबर का दावा हाल ही में पाकिस्तान की एक समाचार एजेंसी ने किया है जिसके मुताबिक इन पुलिस उपाधीक्षकों, निरीक्षकों और जांच अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया गया है. ख़बरें और भी अफ़ग़ानिस्तान में आतंक फ़ैलाने में आईएसआई का हाथ- अमरुल्लाह सालेह मार्क जकरबर्ग को देना पड़ सकता है फेसबुक के सीईओ पद से इस्तीफा अमेरिका नवंबर चुनाव में जीत सकते हैं भारतीय मूल के दो उम्मीदवार