इस्लामाबाद: कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान का रूख थोड़ा नरम हाेता नज़र आ रहा है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (रिव्यू एंड री-कन्सीडरेशन) ऑर्डिनेंस 2020 को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद जाधव के लिए सजा-ए-मौत के फैसले के खिलाफ अपील करने का रास्ता साफ़ हो गया है। इस बिल के अनुसार, पाकिस्तान की जेलों में सजा काट रहे विदेशी कैदी ऊपरी अदालतों में अपील कर सकेंगे। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के संबंध में यह विधेयक पारित किया है। दरअसल, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तान से जाधव मामले में सुधार करने के लिए कहा था, ताकि दूसरे देशों के नागरिकों के न्याय मिल सके। 2020 में इमरान खान सरकार ने विपक्षी पार्टियों के विरोध के बाद भी कुलभूषण जाधव के मामले में ICJ के फैसले के मद्देनजर नेशनल असेंबली में एक अध्यादेश पेश किया था। बता दें कि सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने 'जासूसी और आतंकवाद' के आरोप में सजा ए मौत सुनाई थी। भारत ने इस मामले में पाकिस्तान के खिलाफ ICJ का दरवाजा खटखटाया था। ICJ ने जुलाई 2019 में फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान को जाधव की सजा की 'प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार' करना चाहिए और बिना देर किए भारत को कांसुलर एक्सेस देना चाहिए। 15 जून से सैन फ्रांसिस्को में खोले जाएंगे रेस्तरां 47 अफ्रीकी देश चूक सकते हैं कोरोना वैक्सीन का लक्ष्य: WHO WTC Final की तैयारियां तेज, प्रैक्टिस करने ग्राउंड पर उतरी टीम इंडिया, देखें Video