पाकिस्तान: लश्कर के आतंकी मोहम्मद मुज़मिल को साथी सहित ठोंक गए अज्ञात हमलावर, 2023 में विदेशी धरती पर 18 भारत विरोधी आतंकी ढेर

नई दिल्ली: बीते कुछ सालों से विदेश में रहकर भारत विरोधी जहर उगल रहे आतंकियों के सिर पर काल मंडरा रहा है। भारत में बैठे आतंकियों को तो सेना जहन्नुम भेज ही रही है, लेकिन विदेशों में छिपे बैठे आतंकियों की भी लगातार हत्याएं हो रहीं हैं और हमलावर 'अज्ञात' निकलते हैं। कई लोग यह शक जताते हैं कि, भारत सरकार अपनी ख़ुफ़िया एजेंसियों से ये हत्याएं करवा रही है। हालाँकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है, लेकिन भारत के लिए ये राहत की बात जरूर है कि उसके दुश्मन खुद-ब-खुद ख़त्म हो रहे हैं। अब पंजाब के सियालकोट जिले में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादी मोहम्मद मुज़मिल और उसके सहयोगी नईमुर रहमान को अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से भून डाला है। 

 

विदेशी धरती पर मारे गए भारत विरोधी आतंकी:-

बता दें कि, बीते कुछ समय में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर, अवतार सिंह खांडा, परमजीत पंजवार, रिपुदमन सिंह मलिक, हरविंदर रिंडा, सुखदूल सिंह, हैप्पी संघेड़ा के अलावा अबू कासिम, जहूर मिस्त्री, अब्दुल सलाम भुट्टावी, सैयद नूर, एजाज अहमद, खालिद रजा, बशीर अहमद, शाहिद लतीफ, मुफ्ती कैसर फारूक, जियाउर रहमान, मलिक दाऊद, सुक्खा दुनिके, ख्वाजा शाहिद, मौलाना तारिक रहीम उल्‍लाह तारिक जैसे आतंकियों की हत्या या रहस्यमयी मौत हो चुकी है, ये सभी कनाडा, पाकिस्तान जैसे देशों में छिपे बैठे थे, जहाँ ये खुद को सुरक्षित समझते थे। कुल मिलाकर देखा जाए, तो वर्ष 2023 में अब तक 18 भारत विरोधी आतंकवादी, विदेशी धरती से सीधे जहन्नुम जा चुके हैं। वहीं, गत वर्ष 2022 में 5 भारत विरोधी आतंकियों की हत्या हुई थी।

विदेशी शक्तियों से बढ़ती शत्रुता:- दरअसल, जैसे-जैसे भारत का वैश्विक कद बढ़ रहा है, निजी स्वार्थ वाली विदेशी शक्तियां, भारत के विकास और प्रतिष्ठा को कमजोर करने के लिए साजिशों का सहारा ले रही हैं। इरादा साफ है- भारत की छवि खराब करना और उसकी प्रगति में बाधा डालना। हालाँकि, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अपने हितों की रक्षा करने और किसी भी प्रकार की आक्रामकता का दृढ़ता से जवाब देने के संकल्प का प्रदर्शन करते हुए दृढ़ बना हुआ है।

वे दिन गए जब भारत आतंकवादी हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) जैसे निकायों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय निंदा की मांग करता था। पीएम मोदी के नेतृत्व में नया भारत एक आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में विकसित हुआ है, जो सुरक्षा चुनौतियों का स्वतंत्र रूप से जवाब देने में सक्षम है।  भारत के इस मुखर रुख ने कहानी को बदल दिया है, भारत आतंकवाद के खिलाफ एक सक्रिय शक्ति के रूप में उभर रहा है।

अब रक्षात्मक मुद्रा में आया पाकिस्तान:- बता दें कि, आज तक भारत में जिहादियों और आतंकवादियों को भेजकर खून की नदियाँ बहाने वाला पाकिस्तान अब खुद रक्षात्मक मुद्रा में आ गया है। भारत के आतंकवाद विरोधी अभियानों की सफलता ने उसे अपनी बयानबाजी में बदलाव के लिए मजबूर कर दिया है, पाकिस्तान अब खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताने लगा है। 

पीएम मोदी के नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारत के दृष्टिकोण में एक नए युग की शुरुआत की है। विदेशों में भारत विरोधी तत्वों का मुकाबला करने में सफलताओं का सिलसिला भारत के बढ़ते आत्मविश्वास और क्षमताओं को दर्शाता है। सुरक्षा मामलों में आत्मनिर्भरता के लिए देश की प्रतिबद्धता पिछली प्रथाओं से विचलन का प्रतीक है, जो वैश्विक मंच पर एक लचीले और मुखर भारत का प्रदर्शन करती है।

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