इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा के कुर्रम आदिवासी जिले के पाराचिनार में स्थानीय मौलवियों और बुजुर्गों के एक संगठन ने बगैर किसी पुरुष साथी के महिलाओं के शॉपिंग सेंटर और बाजारों में जाने पर बैन लगा दिया है। मीडिया से बात करते हुए स्थानीय निवासियों ने कहा कि हुसैनी तहरीक संगठन ने अपने फेसबुक पेज के साथ ही व्हाट्सएप पर भी फैसला साझा किया है और इसे अपने सदस्यों द्वारा सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से साझा किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि, 'हम तालिबान के राज में नहीं जी रहे हैं। हम पाकिस्तान में हैं, किन्तु कुछ लोगों ने अफगानिस्तान में चल रही घटनाओं से प्रेरणा ली है, जहां महिलाओं को शटलकॉक बुर्का पहनने और पुरुष साथी के बगैर बाहर नहीं जाने के लिए कहा गया है।' हुसैन तहरीक का नेतृत्व एक स्थानीय मौलवी और पूर्व सीनेटर मौलाना आबिद हुसैनी करते हैं कि, जिन्हें स्थानीय रूप से एक रसूखदार व्यक्ति माना जाता है। उन्हें क्षेत्र के अन्य मौलवियों का समर्थन प्राप्त है। यहां यह बताने योग्य है कि कुर्रम के निवासियों को पूर्व फाटा में एकमात्र लोग माना जाता है, जो तालिबान के विरुद्ध हथियार उठा चुके थे और परिणामस्वरूप उन्हें बहुत नुकसान हुआ था। एक अन्य स्थानीय ने कहा कि, 'कुर्रम जिले में ज्यादातर शिक्षित लोग इस किस्म के प्रतिबंधों के खिलाफ थे। न सिर्फ दोस्त बल्कि दुश्मन भी अफगानिस्तान में तेजी से तालिबान की बढ़त से प्रभावित हैं। किन्तु कुर्रम पाकिस्तान का हिस्सा है और अधिकारियों को इन स्वयंभू सुधारवादियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।' एक अन्य स्थानीय ने दावा किया कि संगठन ने चेतावनी दी है कि अकेले बाजारों में जाने वाली महिलाओं से कड़ाई से निपटा जाएगा और इस अनादर के लिए कोई और नहीं बल्कि उनके पति और परिवार के सदस्य जिम्मेदार होंगे। ऑस्ट्रेलिया बास्केटबॉल स्टार लिज़ कैंबेज इस वजह से ओलंपिक से हटे रामाफोसा ने कहा- "दक्षिण अफ्रीका विरोध की योजना...." T20 वर्ल्ड कप: भारत-पाकिस्तान में होगी जबरदस्त भिड़त, एक ही ग्रुप में होगी दोनों टीमें