नई दिल्ली. चीन और पाकिस्तान दोनों देश मिल कर बना रहे प्रोजेक्ट को पाकिस्तान बेहद महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट मान रहा है. किन्तु अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान के पास इतने बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरी चीजों को निहित करने की क्षमता नहीं है. और वह अनजाने में ही बड़े कर्ज में फंस सकता है. इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिफेन्स रिसर्च एंड एनालिसिस की एक रिपोर्ट के जरिए यह बात सामने आई है. इस रिपोर्ट को संस्थान के विशेषज्ञ जैनब अख्तर ने बनाया है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गिलगित-बलतिस्तान जो पहले उत्तरी क्षेत्र के रूप में जाने जाते थे और जम्मू-कश्मीर राज्य का अभिन्न हिस्सा थे, वह अब पाकिस्तान के कब्जे में है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) की घोषणा होते ही पाकिस्तान सुर्खियों में आ गया है. इसके हिसाब से सीपीईसी चीन का एक ओबीओआर रोड इसी पहल का हिस्सा है. बनाई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में सीपीईसी को लेकर चर्चा तो है किन्तु यह भी कहा जा रहा है कि गिलगित-बलतिस्तान के लोगो की आंकांक्षाओ को नजरअंदाज किया जा रहा है. ये भी पढ़े अगर पाकिस्तान एक सर काटता है तो बदले में तीन के सिर काटो : अमरिंदर पाक को जवाब देगा भारत, रक्षामंत्री ने कहा : सेना पर भरोसा रखें देश शिवसेना के निशाने पर PM मोदी, कहा : पार्टी नहीं देश को मजबूत करे BJP