इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के भीतरी मामलों में दखल देने की कोशिश की है। दरअसल, पाकिस्‍तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी कृषि कानूनों को लेकर भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन का फायदा उठाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले पाक पीएम इमरान खान ने भी किसान आंदोलन को लेकर टिप्पणी की थी। चौधरी ने ट्विटर पर कहा कि भारत की स्थिति की वजह से पूरी दुनिया में बसे पंजाबियों को पीड़ा हो रही है। उन्‍होंने लिखा कि, 'भारत में जो कुछ भी हो रहा है, उस पर दुनिया भर के पंजाबी समुदाय में पीड़ा हैं। महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद से पंजाबियों को एक दूसरे रास्ते की घेराबंदी करनी पड़ रही है। पंजाबियों ने अपने खून से आजादी कीमत चुकाई, पंजाबी अपने ही मुर्खता के चलते शिकार हो रहे हैं।' वहीं, इमरान खान ने भी भारत के खिलाफ एक बयान में इशारों में कहा कि भारत में लोकतंत्र को कमजोर हो रहा है। भारत को "दुष्ट राज्य" कहते हुए, उन्होंने नई दिल्ली पर "विश्व व्यवस्था की स्थिरता के लिए खतरा" बनने का इल्जाम लगाया। इमरान ने ट्विटर पर लिखा कि, 'पाकिस्तान ने क्षेत्र में लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए वैश्विक समुदाय का ध्यान लगातार आकर्षित किया है। फेक समाचार संगठनों और थिंक टैंक की संरचनाओं के माध्यम से/चरमपंथियों को निर्यात/फंड चरमपंथ की तरफ आकर्षित किया है। हाल ही मेंने पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के आतंकवाद का एक डोजियर प्रदान किया।' केजरीवाल के अनशन को अमरिंदर ने बताया 'नाटक', बोले - उन्होंने किसानों की पीठ में छूरा भोंका आंदोलन का समर्थन करने यूपी गेट पहुंचे थे जामिया के छात्र, किसानों ने वापस लौटाया किसानों से राम-राम करें और अपराधियों का 'राम नाम सत्य' करें, सीएम योगी के पुलिस को निर्देश