वाशिंगटन: पाकिस्तान के विभिन्न जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों ने यहां व्हाइट हाउस के सामने एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा है कि पाकिस्तान में उन्हें "सबसे खराब तरह के नरसंहार" का सामना करना पड़ रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि उन्हें आत्म-निर्णय के अधिकार का प्रयोग करने में सहायता करे। उन्होंने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी पाकिस्तानी प्रतिष्ठान जातीय पहचान को ख़त्म करने की दिशा में कार्य कर रहा है। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) यूएसए के मुख्य आयोजक रेहान इबादत ने जानकारी देते हुए बताया है कि अब यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर है कि वह हमारे दर्द को सुने और आत्म-निर्णय के अधिकार को हासिल करने में सहायता करे। इस प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोगों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि एक सामूहिक कोशिश के तहत हम पाकिस्तान की वर्तमान भौगोलिक सीमाओं में रह रहे सभी पीड़ित जातीय समूह का प्रतिनिधित्व करते हुए आज यहां एकत्रित हुए हैं। हम मुहाजिर, बलूच, गिलगिट बाल्टिस्तान, पख्तून और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक अपने आत्म-निर्णय के हक़ के अंतर्गत अलग जमीन की मांग कर रहे हैं। भारी मात्रा में मुहाजिर, बलूच, गिलगिट बाल्टिस्तान, पख्तून और अन्य धार्मिक अल्पसंख्य के लोग डूपोंट सर्किल से व्हाइट हाउस तक रैली निकालते हुए पहुंचे थे। उनके हाथों में पोस्टर और बैनर थे, जिन पर पाकिस्तान में जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार का उल्लेख था। खबरें और भी:- स्टीव गुएरडाट ने लगातार तीसरी बार जीता एफईआई जम्पिंग वर्ल्ड कप पाकिस्तान ने 100 भारतीय मछुआरों को किया रिहा चीन में होने वाली बेल्ट एंड रोड फोरम की बैठक में हिस्सा नहीं लेगा भारत