नई दिल्ली: अमेरिका की थिंक टैंक मानी जाने वाली संस्था द सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ (CSIS) के अनुसार पाकिस्तान अभी भी तालिबान और हक्कानी नेटवर्क की शरणस्थली बना हुआ है. इसलिए पाकिस्तान को दोस्त से ज्यादा खतरा बताते हुए उस पर प्रतिबंध लगने की सम्भावना भी जताई है. गौरतलब है कि CSIS ने ट्रंप प्रशासन को ये सलाह भी दी है कि अगर पाकिस्तान तालिबान की मदद करना बंद नहीं करता तो उस पर प्रतिबंध भी लग सकता है. सीएसआईएस ने यह भी कहा है कि अमेरिका को पाकिस्तान को ये स्पष्ट कर देना चाहिए कि अगर वो तालिबान का समर्थन जारी रखता है तो उसे कोई आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी. बता दें कि जब से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं , तब से उनका रवैया भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रहा है. ऐसे में थिंक टैंक संस्था सीएसआईएस ने पाकिस्तान को लेकर जो कहा है उसका ट्रंप की विदेश नीति पर सकारात्मक असर पड़ेगा. स्मरण रहे कि कुछ दिनों पूर्व अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए हमले में अफगानिस्तान की सरकार ने पाकिस्तान का हाथ होने की बात कही थी. अब सीएसआईएस की इस बात से पाकिस्तान पर दबाव बनना स्वाभाविक है. वैसे भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान से चिढ़े हुए हैं. जब वे अरब देशों की यात्रा पर गए थे तो वहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को बोलने नहीं दिया गया था, जबकि वह अपना भाषण तैयार करके गए थे. वहीं, ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में भी कटौती की थी. लगता है अब अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान पर आर्थिक शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है. यह भी देखें अमेरिका के राष्ट्रपति ने की लंदन हमले के बाद ब्रिटेन को मदद की पेशकश अमेरिका में अंधाधुंध फायरिंग, हमलावरों ने कर दी 5 लोगो की हत्या