पाकिस्तान में भी छाया 'अच्छे दिन' का जुमला

इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बोल "अच्छे दिन" के बारे में आप भारत में तो कई बार सुन चुके होंगे, लेकिन अब यह जुमला पाकिस्तान में भी जोर पकड़ रहा है. फर्क बस इतना है कि वहां अच्छे दिन का वादा कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना कर रही है. यह बात पाकिस्तान के एक उर्दू अख़बार से सामने आई है, जिसने पाकिस्तानी सेना के इस बयान को छापा है.

एक पाकिस्तानी उर्दू अखबार का शीर्षक है 'अच्छे दिनों का इंतजार', अख़बार में लिखा है कि आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि पाकिस्तान मुश्किल हालात से निकल गया है और देश में 'अच्छे दिन' आने वाले हैं. आर्मी चीफ की शान में कसीदे पढ़ते हुए अखबार ने लिखा है कि आज का पाकिस्तान दस साल पहले के पाकिस्तान से अलग है, जब आतंकवादी सरेआम दनदनाते फिरते थे और कराची से खैबर तक, पूरा देश खौफ में रहता था. अखबार के मुताबिक स्वात जैसे पर्यटन स्थल पूरी तरह आतंकवादियों के कब्जे में थे, जिसके बाद सेना ने ऑपरेशन का फैसला लिया और अपने अफसरों और सैनिकों की कुरबानियां देकर देश में अमन बहाल किया. 

वहीं एक अन्य अखबार ने इस सन्दर्भ में लिखा है कि देश की संप्रभुता के दुश्मनों से खबरदार रहने की जरूरत है. आर्मी चीफ के हवाले से अख़बार ने लिखा है कि जब तक पूरा देश पाकिस्तानी सेना के पीछे खड़ा है, तब तक दुश्मन अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे. अब पाकिस्तान में अमन कितना कायम हुआ है यह तो जगजाहिर है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया जिस तरह से अपनी सेना का गुणगान कर रही है, उसे देखकर पता लगता है कि वहां आतंकियों से ज्यादा सेना का आतंक छाया हुआ है.

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