इस्लामबाद: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 88000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस की वजह से जहां सभी देश अपने मनमुटाव दूर कर इससे जंग में अपनी भागीदारी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं वहीं पाकिस्‍तान भारत द्वारा शुरू की गई ऐसी किसी जंग का हिस्‍सा नहीं बनना चाहता है. यही वजह है कि उसने सार्क सदस्‍य देशों के ट्रेड अधिकारियों के बीच होने वाली वर्चुअल कांफ्रेंस में हिस्‍सा नहीं लिया. इस मंच का बहिष्‍कार कर पाकिस्‍तान ने फिर ये साफ कर दिया है कि भारत से वार्ता की बातें जो पीएम इमरान खान अब तक करते आए थे वह केवल खोखली बातें थीं. पाक द्वारा इस ट्रेड बैठक का बहिष्‍कार करने के पीछे पाकिस्‍तान ने बहाना बनाया है वो भी बेहद घटिया है. पाकिस्‍तान के मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये बैठक कोरोना वायरस को लेकर रणनीति बनाने और सार्क देशों में इसके पांव पसारने पर रोक को लेकर थी. लेकिन भारत के ये कहे जाने पर कि उसके बिना इस तरह के कदम सफल नहीं हो सकते हैं, इसलिए पाकिस्‍तान ने इस बैठक का बहिष्‍कार किया है. इतना ही नहीं पाकिस्‍तान की तरफ से यहां तक कहा गया है कि पाकिस्‍तान कोरोना रोकने हर संभव प्रयास कर रहा है लेकिन भारत इसका ताज अपने सिर पर रखना चाहता है जो उसको मंजूर नहीं है. भारत चाहता है कि वह इसके केंद्र में रहे और इस महामारी को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की वाहवाही लूट ले. क्या WHO की फंडिंग रोक देगा अमेरिका ? ट्रम्प बोले - 'अब बढ़ चुके हैं कदम' आखिर 'कोरोना' से खुद क्यों नहीं मरता चमगादड़ ? कोरोना: अमेरिका की हालत बेहद दयनीय, हुई इतनी मौतें कि दफ़नाने को नहीं बची जगह