इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आजकल ये चर्चा जमकर चल रही है कि क्या इमरान खान सरकार भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त ऑफिसर कुलभूषण जाधव की सजा माफ करना चाहती है. पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने इमरान सरकार पर आरोप लगाया है कि एक गुप्त अध्यादेश के माध्यम से कुलभूषण जाधव की सजा को खत्म करने के बारे में विचार किया जा रहा है. भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त ऑफिसर कुलभूषण जाधव (50) को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के झूठे मुकदमे में सजा-ए-मौत दी है. पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को लेकर हंगामा इतना बढ़ा कि वहां के कानून और न्याय मंत्रालय को सफाई पेश करनी पड़ी. कानून और न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता ने 18 जुलाई को एक प्रेस विज्ञाति जारी करते हुए कहा कि गुप्त अध्यादेश के माध्यम से कुलभूषण जाधव की सजा को माफ़ किए जाने के आरोप गलत हैं. पाकिस्तानी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सीनेटर रजा रब्बानी ने सरकार पर इल्जाम लगाया कि सरकार आखिर इस अध्यादेश को अबतक पाकिस्तान की संसद में क्यों नहीं रख रही है. पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने कहा है कि देश की संसद को भरोसे में लिए बगैर संवैधानिक प्रावधानों का पालन किए बगैर सरकार ने कुलभूषण जाधव को लेकर एक अध्यादेश जारी किया है. अमेरिका से लेकर नेपाल तक कोरोना ने मचाया कोहराम, जानें क्या है बाकी देश का अंजाम कोरोना से ब्राज़ील में बदतर हुए हाल दुनिया में कोरोना का नया रिकॉर्ड हुआ कायम, संक्रमितों की संख्या में हुआ इज़ाफ़ा