पड़ोसी देश भारत के डर की वजह से पाकिस्‍तान सरकार अपने सेना प्रमुख जावेद बाजवा को नहीं हटना चाहती है. यही वजह है कि इमरान सरकार ने सेना प्रमुख बाजवा को रोकने के लिए सेना नियमों में संशोंधन किया है इमरान ये जानते हैं कि जम्‍मू-कश्‍मीर और भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर भारत के खिलाफ रणनीति बनाने में बाजवा माहिर है. पाक सरकार को लगता है बाजवा के जाने से सीमा पर उनकी पकड़ कमजोर होगी. डीसी में एयरस्पेस का हुआ उल्लंघन, वाइट हाउस को अहतियातन करना पड़ा बंद मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्‍तान सरकार ने सेना के नियमों 255 में संशोधन किया है ताकि सेना प्रमुख से संबंधित मामले में अदालत की अड़चनों को दूर किया जा सके. पाकिस्‍तान सरकार ने यह कदम तब उठाया जब सुप्रीम कोर्ट ने बाजवा के कार्यकाल बढ़ाने के फैसले को निलंबित कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि सेना के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. आखिर इमरान सरकार सेना प्रमुख के पद पर बाजवा को ही क्‍यों रखना चाहती है. क्‍या है इसके पीछे का सत्‍य। इसके साथ यह भी जानेंगे कि यह पूरे मामले की फसाद क्‍या है. इस मित्र देश से किफायती कीमत पर कोयला खरीदने वाला है भारत भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण पाकिस्‍तान सरकार के लिए सेना प्रमुख बाजवा एक बड़ी जरूरत बन गए हैं. पाकिस्‍तान सरकार ने यह कदम तब उठाया था, जब जम्‍मू-कश्‍मीर पर केंद्र सरकार के सख्‍त रूख और अनुच्‍छेद 370 हटाने के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया था. इसके बाद सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए बढ़ा दिया था. इमरान सरकार को लगता है कि सीमा के हालात से निपटने के लिए बाजवा के अनुभव का लाभ लिया जा सकता है. यही उनके विस्‍तार का भारतीय लिंक है. उनका यह सेवा विस्‍तार रिटायर होने के म‍हज तीन महीने पहले आया था. पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने तब यह कहा था देश की अमन और शांति के लिए बाजवा के कार्यकाल को बढ़ाया गया है. अमेरिकी चेतावनी से बेखबर पाकिस्‍तान, चीन ने उठाया बड़ा कदम दलाईलामा ही चुनेंगे अपना उत्तराधिकारी, सालों पुरानी परंपरा रहेगी कायम पाक प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने भारत का किया विरोध, कहा- सुरक्षा परिषद की स्थायी अथवा अस्थायी सदस्यता...