इस्लामाबाद: दुनियाभर में गधे शायद आराम और सुकून से अपनी जिंदगी बिताते होंगे. उन्हें किसी अपराध का डर नहीं होता होगा. उन्हें मानवीय चिंताओं और नियम-कानूनों से भी कोई मतलब नहीं रहता होगा। मगर, 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बने पाकिस्तान में जानवरों की जिंदगी भी मुहाल हो रखी है. यहाँ तक कि, इंसानों की तरह उन्हें भी कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. दरअसल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा से एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है, जहां 6 गधों को लकड़ी की तस्करी करने के जुर्म में अरेस्ट कर लिया गया है. यही नहीं, इन बेचारों गधों पर लकड़ी की तस्करी करने के साथ ही, लकड़ी माफिया गुर्गों को सुविधा और संरक्षण देने का भी इल्जाम लगा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा के चित्राल जिले में लकड़ी की तस्करी के मामले में पुलिस 6 गधों को गिरफ्तार कर थाने ले आई. जहाँ से इन गधों को पकड़ा गया, वहीं इनसे मदद लेने वाला गुर्गा भी मौजूद था. हालांकि वह पुलिस की पकड़ से बच निकला और भाग गया. पुलिस आरोपी को तो नहीं पकड़ पाई, मगर वहां मौजूद उसके मददगार गधों को जरूर गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि यह घटना मंगलवार (18 अक्टूबर) रात की है. वन अधिकारी और जिला प्रशासन, असिस्टेंट कमिश्नर के कहने पर तस्करों को पकड़ने के लिए दरोश गोल पहुंचा था. मगर, संदिग्ध आरोपी जो पेशे से लकड़हारा बताया जा रहा है, वो तीन गधों को छोड़कर फरार हो गया. असिस्टेंट कमिश्नर दरोश तौसीफुल्ला ने जानकारी दी है कि मंगलवार की रात हमें जानकारी मिली थी कि लकड़ी के स्लीपरों को गधों पर लादकर दूसरे गांवों में ले जाने का प्रयास किया जा रहा है. हमारे पहुंचते ही आरोपी जंगल में भाग गया. हालांकि उसके बदकिस्मत गधों को फ़ौरन गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस थाने ले जाया गया. लकड़ी माफिया के गुर्गे गधों का उपयोग तूफानी नालों में लकड़ी ले जाने के लिए करते हैं. तौसीफुल्ला ने बताया कि गधों को वन विभाग अदालत में पेश करेगा. उन्होंने कहा कि वन विभाग को असिस्टेंट कमिश्नर ने 6 गधों को न्यायालय में जज के सामने पेश करने का निर्देश दिया है. एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, दिलचस्प बात यह है कि हिरासत में लिए गए गधे काफी समझदार हैं. ये गधे अपने दम पर लकड़ियों की तस्करी किया करते थे और एक गांव से दूसरे गांव तक पहुंचाते थे. इन्हें कई बार तो मदद की बिल्कुल आवश्यकता नहीं पड़ती थी. बता दें कि पाकिस्तान में गधा आमदनी का एक अहम सोर्स है. इनका देश की GDP में भी बड़ा योगदान है. देश का एक बड़ा वर्ग पूरी तरह से पशुपालन पर निर्भर है. यहाँ 80 लाख से अधिक ग्रामीण परिवार पशुपालन करते हैं. कफ सिरप बनी जहर ! गाम्बिया के बाद इस देश में 99 बच्चों की मौत ईरान में तानाशाही चरम पर, गीत न गाने पर सुरक्षाबलों ने छात्रा को पीट-पीटकर मार डाला बिना हिजाब प्रतियोगिता में पहुंची ईरानी पर्वतारोही, मच गया बवाल