इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने लोकप्रिय पनामा पेपर्स लीक मसले पर अपना निर्णय सुनाया। इस दौरान न्यायालय ने कहा है कि एक संयुक्त जांच कमेटी का गठन कर इस मामले में जांच की जाए। न्यायालय का यह निर्णय 5 सदस्यों वाली न्यायाधीशों की बेंच ने सुनाया है। समिति द्वारा कतर में धन भेजे जाने और अन्य जांच कार्रवाई करेगी। न्यायालय द्वारा कहा गया कि नवाज और उनके दोनों पुत्रों को जांच दल के सामने प्रस्तुत होना होगा। न्यायालय में निर्णय के पहले 5 जजों ने आपसी सलाह मशविरा किया। इस दौरान 3 जज ज्वाईंट कमेटी बनाना चाहते थे जबकि 2 जज चाहते थे कि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को अयोग्य ठहरा दिया जाए। मगर अंत में निर्णय संयुक्त जांच टीम गठित करने पर हुआ और इस तरह से नवाज शरीफ को आंशिक राहत मिली। गौरतलब है कि पाकिस्तान में नवाज शरीफ का जमकर विरोध हो रहा है। पाकिस्तान के राजनीतिक दल तहरीक ए इंसाफ, जमात ए इस्लामी, आवामी मुस्लिम लीग आदि द्वारा मुस्लिम लीग नवाज के नवाज शरीफ का विरोध करते रहे हैं। गौरतलब है कि यह मामला नवाज शरीफ द्वारा 1990 में लंदन में धनशोधन कर संपत्ती की खरीद से संबंधित है। प्रकरण की सुनवाई करने वाली बेंच के प्रमुख न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा थे, जबकि बेंच के अन्य सदस्य जस्टिस एजा अफल, जस्चटस गुलजार अहमद, जस्टिस शेख अजमत और न्यायाधीश एजाज उल हसन शामिल हैं। अस्थिर हो सकता है पाकिस्तान, पनामा पेपर्स मामले में नवाज़ पर फैसला आज मैकमास्टर ने कहा पाकिस्तान को लुकाछुपी का खेल नहीं खेलना चाहिए जून में होगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज़ शरीफ की मुलाकात