अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा कई मामलों को लेकर काफी अहम मानी जा रही है. लेकिन इस दौरे में व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए जाएंगे. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि साल के आखिर में होने वाले अमेरिकी चुनाव संपन्न होने के बाद बातचीत जारी रहेगी. यह अपरिहार्य है कि इस यात्रा के दौरान चीन और भारत-प्रशांत पर चर्चा की जाएगी. दोनों देश बड़े सहयोग के लिए रोडमैप रखेंगे. OMG: बड़ा हादसा होने से टला, शिकागो में 737 मैक्स जेट विमानों के ईंधन में मिली यह चीज... विशेष रूप से इसलिए क्योंकि अमेरिका इस क्षेत्र में भारत द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उत्सुक है. भारत नियंत्रण की बात नहीं कर रहा है, बल्कि इस क्षेत्र के सभी देशों के साथ गहरे सहयोग और आर्थिक संबंध बना रहा है. भारत-प्रशांत रणनीति के हिस्से के रूप में, दोनों देशों ने एशिया और अफ्रीका में विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. CORONAVIRUS: अमेरिका ने रूस पर साधा निशाना, लगाया कोरोना वायरस को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप साथ ही रिश्ते के इस पहलू को ध्यान में लाने की जरूरत है क्योंकि यह साझेदार देशों के क्षमता निर्माण की अनुमति देते हुए दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए मंच प्रदान करता है. चीन के संबंध में, भारत के चीनी फर्म हुवेई को भारत में 5जी परीक्षण करने की अनुमति देने के निर्णय के बावजूद अमेरिका द्वारा इस तरह के कदम के बारे में चिंता जताई जाने की संभावना है. तुर्की-ईरान बॉर्डर पर महसूस किए गए भूंकप के झटके, 7 लोगों की हुई मौत ट्रंप पर एक बार फिर उठे सवाल, इस देश के चुनाव में हस्‍तक्षेप को लेकर विपक्ष ने किया हमला हैरी और मेगन ने शाही उपाधि छोड़ने को लेकर बोली ये बात