इस्लामाबाद: आर्थिक मदद की भीख के लिए पूरी दुनिया में ठोकरें खा चुके पाकिस्तान में महिलाओं पर हिंसा, दुष्कर्म व लूटपाट जैसी घिनौनी आपराधिक वारदातें मुसीबत बनी हुई हैं। महिलाओं की सुरक्षा इन इन दिनों सबसे बड़ा मसला बना हुआ है। अपराधी इतने बेखौफ हैं कि मासूम बच्चियों को भी हवस का शिकार बनाने की वारदातें सामने आती रहती हैं। इस बीच सबसे बड़ी खबर यह है कि सामाजिक बुराइयों, महिलाओं की सुरक्षा और दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए 18 वर्ष की आयु में निकाह करने को अनिवार्य करने पर जोर दिया जा रहा है। पाकिस्तान की सिंध प्रांतीय विधानसभा में इस विधेयक का मसौदा भी पेश कर दिया गया है। प्रांतीय विधानसभा के मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल के सदस्य सैयद अब्दुल रशीद ने सिंध विधानसभा सचिवालय को सिंध अनिवार्य विवाह अधिनियम, 2021'' का एक ड्राफ्ट पेश किया, जिसमें कहा गया है कि ऐसे वयस्कों के अभिभावकों जिनकी 18 वर्ष की आयु के बाद भी शादी नहीं हुई हो, उन्हें जिले के उपायुक्त के सामने इसकी देरी के उचित कारण के साथ एक शपथपत्र पेश करना होगा। प्रस्तावित विधेयक के ड्राफ्ट में कहा गया है कि हलफनामा प्रस्तुत करने में नाकाम रहने वाले अभिभावकों को 500 रुपये का जुर्माना देना होगा। रशीद के अनुसार, यदि विधेयक को कानून बनाने के लिए स्वीकृति मिल जाती है तो इससे समाज में खुशहाली और शांति का माहौल बनेगा। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने शांति प्रक्रिया पर हमीदुल्लाह मोहिब के साथ की चर्चा 'टीके की कमी से क्यों जूझ रहा दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक देश ?' केंद्र से प्रियंका का सवाल भारत को 5 करोड़ वैक्सीन देने के लिए तैयार फ़ाइज़र, लेकिन साथ ही रखी ये बड़ी शर्त