पाकिस्तान में इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन और संयुक्त अरब अमीरात जैसे अपने मित्र देशों से 10.40 अरब डॉलर (करीब 74 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज लिया. यह कर्ज विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करने और पुराने लोन के भुगतान की खातिर लिया गया. मालूम हो कि गत वर्ष अगस्त में प्रधानमंत्री बनने वाले इमरान खान ने मुल्क की बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास में ना सिर्फ अपने मित्र देशों के दौरे किए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद की गुहार भी लगाई थी. फ्रांस : सड़कों पर उतरा 450,000 कर्मचारियों का हुजूम, पुलिस को काबू पाना हुआ मुश्किल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में आर्थिक मामलों के विभाग की ओर से दाखिल रिपोर्ट के अनुसार, इमरान सरकार ने चीन, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोपीय बैंकों से व्यावसायिक कर्ज लिया. इस तरह के कुल 4.80 अरब डॉलर (करीब 34 हजार करोड़ रुपये) के कर्ज लिए हैं. इसके अलावा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कर्ज भी लिए गए. पाकिस्तान के वित्त मंत्रलय ने इस साल मई में सीनेट को बताया था कि मुल्क पर विदेशी कर्ज बढ़कर 88.20 अरब डॉलर (करीब छह लाख 28 हजार करोड़ रुपये) हो गया है. सूर्य के बहुत करीब पहुंचा अमेरिकी यान, अनजाने रहस्यों से उठा पर्दा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इमरान खान देश की अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने के लिए तमाम उपायों को आजमा रहे हैं. यह कोशिश इन्‍हीं कवायदों का हिस्‍सा मानी जा रही है. हालांकि, यह अफसोसजनक है कि उन्‍हें अपनी कोशिश में कामयाबी नहीं मिल पाई है. उनकी सरकार ने मुल्क को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए अप्रयुक्त सरकारी संपत्तियों को बेचने का भी फैसला लिया है. पिछले साल सत्ता में आने के बाद इमरान ने प्रधानमंत्री आवास के कई वाहनों, हेलीकॉप्टरों और भैंसों तक को बेच दिया था। लेकिन इससे उन्हें उम्मीद से कम आय हुई थी. पीएम मोदी ने लिखासंदेश, मुंबई आतंकी हमले में बचे इजरायली बालक हुआ भावुक देश छोड़कर भागे नित्यानंद की मुश्किलें बढ़ीं, फ़्रांसिसी भक्त ने लगाया करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप अमेरिका का आधुनिक ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर हुआ फेल, तीन नेशनल गार्ड थे सवार