पाकिस्तानी मीडिया भी हुई मोदी सरकार की मुरीद, अपनी ही सरकार की उड़ाई धज्जियाँ

नई दिल्ली: भारत के प्रति पाकिस्तान का रवैया नरम पड़ता नजर आ रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में कहा कि दोनों पड़ोसियों को शांति से रहना चाहिए तथा तरक्की पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि, शहबाज कश्मीर मुद्दे का फिर से जिक्र करने से नहीं चूके तथा उन्होंने कह दिया कि कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद होना चाहिए। पाकिस्तानी मीडिया ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा में लेख प्रकाशित करने के पश्चात् अब शहबाज शरीफ सरकार को हिदायत दे डाली है कि पाकिस्तान को कश्मीर का मुद्दा ठंडे बस्ते में डालकर अपना घर संभालना चाहिए।

पाकिस्तान के पत्रकार कामरान यूसुफ का एक ऑपिनियन लेख छपा है जिसमें वो कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को सलाह देते दिखाई दिए हैं। हाल ही में यूसुफ सेवानिवृत जनरल कमर जावेद बाजवा से मिले हैं। इस मुलाकात में उन्हें भारत- पाकिस्तान संबंधों को लेकर कई ऐसी बातें पता चलीं जो अब तक पब्लिक डोमेन में नहीं थीं। लेख में यूसुफ ने उन सभी बातों का जिक्र किया है। लेख में उन्होंने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अप्रैल 2021 में दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों का एक नया अध्याय खोलने की कोशिश के तहत पाकिस्तान की यात्रा करनी थी।

उन्होंने लिखा, 'तत्कालीन डीजी आईएसआई लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद एवं भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच बैकचैनल वार्ता के कई दौर चले थे जिसके पश्चात् प्रधानमंत्री की पाकिस्तान यात्रा की योजना बनी थी। वार्ता के कोशिश की वजह से ही फरवरी 2021 में विवादित कश्मीर क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौते का नवीनीकरण हुआ। यह ऐलान आश्चर्यजनक था क्योंकि दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक बातचीत नहीं हो रही थी। कई वर्ष पश्चात् दोनों देशों ने इस्लामाबाद और नई दिल्ली में एक साथ बयान जारी किए।' यूसुफ ने लिखा- कि अगस्त 2019 में भारत ने एकतरफा रूप से जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था जिसके पश्चात् दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था। पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया में राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड कर दिया एवं भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित कर दिया। ऐसे में दोनों देशों के बीच युद्धविराम का ऐलान आश्चर्यजनक था। युद्धविराम के नवीनीकरण के पश्चात् विश्वास बहाल करने के उपायों के तहत दोनों देशों को मार्च में व्यापार संबंधों को फिर से आरम्भ करना था। तथा इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी का पाकिस्तान में औचक दौरा निर्धारित था।

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