अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में सोमवार के दिन मतलब आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पीएम नरेंद्र मोदी एवं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में संपन्न किया जाएगा. यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से आरम्भ होकर 12 बजकर 55 मिनट तक चलेगा. अयोध्या में हो रहे राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की गूंज पूरे देश में है तथा लोग इसे दीवाली की तरह मना रहे हैं. भारत के साथ-साथ अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की चर्चा विदेशों में भी जमकर हो रही हैं. पाकिस्तान के अखबारों ने इसे लेकर लिखा है कि 'बाबरी मस्जिद को गिराकर बनाए गए राम मंदिर में आज प्रधानमंत्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने जा रहे हैं. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार, 'द डॉन' ने एक ऑपिनियन लेख प्रकाशित किया है जिसमें लेखक परवेज हुदभोय ने लिखा है कि जहां पहले पांच शताब्दी पुरानी बाबरी मस्जिद हुआ करती थी, अब वहां राम मंदिर बन रहा है. राम मंदिर के चारों ओर वेटिकन सिटी जैसा शहर बनने को तैयार है. लेख में आगे लिखा गया है, 'हिंदुत्व का संदेश दो वर्गों को टारगेट करता है. पहला है- भारत के मुसलमान, जिस प्रकार पाकिस्तान अपनी हिंदू आबादी को कम अधिकारों वाले दोयम दर्जे के नागरिकों के रूप में देखता है, उसी प्रकार भारत में मुसलमानों को भी यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि वे उन आक्रमणकारियों की अनचाही संतान हैं जिन्होंने एक प्राचीन भूमि को बर्बाद कर दिया और उसकी महिमा को लूट लिया.' लेख में कहा गया है कि 'नए भारत में अब धार्मिक साम्प्रदायिकता घृणा की तरह नहीं मानी जाती है.' पाकिस्तानी अखबार ने आगे लिखा है कि मार्च 2023 में 'जय श्री राम' के नारे लगाती भीड़ ने एक सदी पुराने मदरसे एवं प्राचीन लाइब्रेरी को जला दिया था. 12वीं सदी में मुस्लिम आक्रमणकारी, बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को आग के हवाले कर दिया था जिसमें वहां की विशाल लाइब्रेरी जलकर खाक हो गई. अखबार ने लिखा कि हिंदुत्ववादियों का मदरसे एवं लाइब्रेरी को जलाना 'जैसे को तैसा' वाली बात थी. लेख में हिंदुत्व के दूसरे टार्गेट का जिक्र करते हुए लिखा गया, 'दूसरा संदेश बीजेपी के विपक्ष, कांग्रेस के लिए है कि वो धर्मनिरपेक्षता को छोड़ धार्मिक पिच पर आए तथा बीजेपी के साथ खेले. यदि वो ऐसा नहीं करती है तो उसे हिंदू विरोधी के रूप में देखा जाएगा. पाकिस्तान के अखबार पाकिस्तान टुडे ने लिखा है कि सोमवार को उस स्थान पर एक विशाल मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा जिसे लाखों भारतीय राम का जन्मस्थान मानते हैं. मंदिर का निर्माण बीते 35 वर्षों से हो रहा है. मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा ने मंदिर निर्माण का वादा किया था तथा यह उनके लिए हमेशा से एक राजनीतिक मुद्दा रहा है जिसने पार्टी को सत्ता में आने और यहां बने रहने में सहायता की है. अखबार ने लिखा, 'हिंदू समूह अयोध्या में उद्घाटन कार्यक्रम को सदियों से 'मुस्लिम और औपनिवेशिक शक्तियों के अधीन रहने के पश्चात् हिंदू जागृति के रूप में चित्रित कर रहा है. कार्यक्रम को मई में होने वाले आम चुनावों के लिए प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी अभियान की आभासी शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है.' अखबार ने लिखा कि दशकों तक मंदिर स्थल विवाद का केंद्र रहा क्योंकि हिंदू एवं मुस्लिम दोनों पक्ष ही इस पर अपना दावा करते रहे. वर्ष 1992 में हिंदुओं की भीड़ ने 16वीं सदी में बनी बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया था. भारत के बहुसंख्यक हिंदुओं का कहना है कि यह स्थान प्रभु श्री राम का जन्मस्थान है, तथा 1528 में मुस्लिम मुगलों ने एक मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया था. 2019 में सर्वोच्च न्यायालय ने जमीन हिंदुओं को सौंप दी और मुसलमानों को अलग प्लॉट देने का आदेश दिया था. राम मंदिर की विशालता का जिक्र करते हुए पाकिस्तानी अखबार ने लिखा, 'मंदिर 2.67 एकड़ में बनाया जा रहा है जिसका परिसर 70 एकड़ में फैला है. कहा जा रहा है कि दिसंबर 2025 में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. अनुमान है कि मंदिर बनाने में 15 अरब रुपये खर्च होंगे.' 'इधर मंच पर रहो, नीचे नहीं जाने का', कार्यक्रम के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने IAS को लगाई फटकार 'आज भारत एक महीने में उतने कैशलेस ट्रांसक्शन करता है, जितने अमेरिका में 3 साल में होते हैं..', नाइजीरिया में बोले विदेश मंत्री जयशंकर घर पर ऐसे तैयार करें जयपुर की मशहूर प्याज की कचौरी, इसे खाने के बाद हर कोई करेगा तारीफ