इस्लामाबाद: 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बनने के बाद पाकिस्तान ने हमेशा हिंदुस्तान की बर्बादी का ही सपना देखा और इसके लिए लगातार साजिशें भी रचीं। अलग होने के कुछ दिनों बाद ही पाकिस्तान ने भारतीय सीमा में घुसकर कश्मीर पर हमला कर दिया था, उसके बाद से आज तक कभी आतंकवाद के जरिए, कभी बॉर्डर पर सेना के माध्यम से, तो कभी भारत के मुस्लिमों को भड़काकर पाकिस्तान लगातार हिंदुस्तान विरोधी साजिशें रचता रहा है। लेकिन, आज जब पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, तो उसे हिंदुस्तान की याद आ रही है। अब पाकिस्तानी जनता इस उम्मीद में है कि पड़ोसी मुल्क भारत उनकी मदद करे। दरअसल, पाकिस्तान में इन दिनों महंगाई अपने चरम पर पहुंच चुकी है। आटा, दाल और चावल जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान पर हैं। आलम यह है कि पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर खड़ा है। संकट से उबरने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा कोष (IMF) के सामने हाथ फैलाए खड़े पीएम शहबाज शरीफ को अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। ऐसे में वहां की आवाम का भरोसा अपनी सरकार से भी उठने लगा है और पाकिस्तान की जनता अब भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगा रही है। पाकिस्तान में अभी शहबाज सरकार चौतरफा घिरी हुई है, तो दूसरी ओर वहां के लोग यह कहते सुने जा रहे हैं कि 'या अल्लाह पीएम मोदी को हमारे देश भेज दें, ताकि वे हमें संकट से निजात दिला सकें।' बता दें कि, कुछ दिनों पहले ही 16 फरवरी को शाहबाज़ शरीफ सरकार द्वारा नए करों के जरिए लोगों से 170 अरब रुपये जुटाने के लिए संसद में ‘मिनी-बजट’ पेश करने के चंद घंटों बाद पेट्रोल उत्पादों की कीमतों में इजाफे का ऐलान किया गया था। बिजली और गैस की कीमतें भी बढ़ा दी गई। सरकार के इस फैसले से पहले ही विकराल स्थिति में पहुंच चुकी महंगाई और आसमान पर पहुंच चुकी है। बता दें कि, पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 22.20 रुपये बढ़कर 272 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं। वहीं, हाईस्पीड डीजल (HSD) की कीमत में 17.20 रुपये प्रति लीटर, मिट्टी के तेल की कीमत में 12.90 रुपये प्रति लीटर और लाइट डीजल ऑयल (LDO) में 9.68 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। HSD की नई कीमत 280 रुपये प्रति लीटर होगी। वहीं, केरोसिन 202.73 रुपये प्रति लीटर और LDO 196.68 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से भी कम रह गया है। उसे आर्थिक रूप से ध्वस्त होने से बचने के लिए इस वक़्त आर्थिक मदद और IMF से राहत पैकेज की बहुत अधिक जरूरत है। नौवीं समीक्षा फिलहाल विचाराधीन है और इसके सफलतापूर्वक पूरा होने पर अगली किस्त के रूप में 1।1 अरब डॉलर जारी होंगे। अफगानिस्तान और तजाकिस्तान में थर्राई धरती, 6.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से दहशत में लोग भारतवंशी विवेक लड़ेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, जानिए कौन है? यहाँ अचानक सामने आई 'रहस्यमय चीज', लोगों में मचा हड़कंप