पाकिस्तान सरकार द्वारा थोपे गए बेतहाशा टैक्स का गुलाम कश्मीर के लोग विरोध कर रहे हैं. भारी विरोध प्रदर्शन और बेमियादी हड़ताल से आर्थिक गतिविधियो पर असर पड़ रहा है. पाकिस्तान सरकार के बेजा टैक्स के कारण यहां के गरीब लोगों और व्यापारियों की हालत खस्ता हो गई है. यहां के प्रदर्शनों की खबरों को पाकिस्तान मीडिया में स्थान नहीं दिया जा रहा है. बता दें कि स्कर्दू में प्रदर्शनकारियों के एक नेता ने कहा कि पाकिस्तान सरकार अपने घर में रखी मुर्गियों और दूध के लिए घर में पाली गई गायों पर भी टैक्स ले रही है.यही नहीं अगर किसी घर में पांच से ज्यादा सदस्य हैं, तो उसे अतिरिक्त टैक्स देना पड़ रहा है. बार-बार नए टैक्स लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस टैक्स को यहां के विकास पर खर्च नहीं किया जा रहा है. यहां ना तो बुनियादी सुविधाएं है, ना सब्सिडी मिल रही है. नागरिकों को संवैधानिक अधिकार भी नहीं दिए गए हैं.पाकिस्तान सरकार ने अध्यादेश जारी कर उन पर गैर-कानूनी टैक्स लाद दिया है. उधर, गिलगिट-बाल्टिस्तान के व्यापारी वर्ग का कहना है कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने इस क्षेत्र को विवादित घोषित कर रखा है, तो फिर यह टैक्स वसूली गैर-कानूनी है, इसलिए मंजूर नहीं है. प्रदर्शनकारियों ने तो यह भी कहा कि इस्लाम का सिद्धांत है कि जो सरकार आपको अधिकार नहीं देती, उसे टैक्स नहीं देना चाहिए. पाकिस्तान सरकार में हमारा कोई प्रतिनिधि ही नहीं है, तो फिर हम क्यों टैक्स चुकाएं. जब तक सरकार इस बेजा टैक्स को वापस नहीं लेगी, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. यह भी देखें भारत की मानुषी बनी मिस वर्ल्ड 2017 ज़िम्बाब्वे में सेना के समर्थन में सड़क पर उतरे लोग