मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में शनिवार को दो अज्ञात हमलावरों ने एक फिलीस्तीनी विद्वान की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मोटरसाइकिल सवार दो हमलावरों ने उन्हें चर्च जाने के रास्ते में गोली मारी थी. स्थानीय पुलिस ने इन हमलावरों का एक स्केच जारी किया है. इस मामले की छानबीन कर रहे पुलिस प्रमुख मोहम्मद फूजी बिन हरून ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि संदिग्धों की यह स्केच कम्प्यूटर जनित तस्वीर बनाई गई है जो गवाहों के विवरण पर आधारित हैं. उन्होंने बताया कि वे दो हल्के चमड़े वाले संदिग्धों को दिखाते हैं जो यूरोपीय या मध्य पूर्वी हो सकते हैं. रॉयटर्स समाचार एजेंसी द्वारा सुनाई गई टिप्पणियों की एक रिकॉर्डिंग के मुताबिक, दोनों पुरुष मजबूत हैं और लगभग 180 सेमी लंबे हैं. स्थानीय पुलिस के मुताबिक़ 35 वर्षीय हमास के सदस्य फदी अल-बत्श को जिस वक्त गोली मारी गई उस वक्त वह सुबह की नमाज अदा करने के लिए मस्जिद जा रहे थे. इस मामले में अल-बत्श के पिता ने अल जज़ीरा न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि उनके बेटे की हत्या के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है. पुलिस प्रमुख दातुक सेरी मंसोर लाज़ीम ने बताया कि दो हमलावरों ने अल-बत्श के लिए सेतापक जिले में पहले लगभग 20 मिनट तक इंतजार किया. लाज़ीम के मुताबिक, अल-बत्श को कम से कम 10 गोलियां मारी गई है. पुलिस के अनुसार अल-बत्श को शरीर और सिर में गोली मारी गई है. एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है. शासी पार्टी हमास के प्रवक्ता हज़ेम कसम का कहना है कि अल-बत्श आंदोलन का सदस्य था. मलेशिया के फिलिस्तीनी राजदूत अनवर एच अल-आगा को न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स अख़बार ने इस मामले पर कहा कि, पीड़ित मस्जिद में दूसरा इमाम था. वह 10 वर्षों से मलेशिया में रह रहा था. अफगानिस्तान: मुठभेड़ में पुलिस ने ISIS के 10 आतंकी मारे अमेरिका: नग्न व्यक्ति ने की फायरिंग, 4 की मौत मेक्सिको में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी