आप जानते ही होंगे कि आज सोमवार के दिन सर्वर्था शुभ योग बनने के साथ ही तीन पर्व एक साथ पड़ रहें हैं. ऐसे में आज सोमवती अमावस्या, शनि जयंती वट सावित्री है और इसके साथ ही सोमवती अमावस्या को दुर्लभ अमावस्या माना जाता है क्योंकि अमावस्या सोमवार के दिन साल में एक या दो बार बड़ी मुश्लिक से पड़ती है. जी हाँ, कहा जाता है सोमवती अमावस्या के लिए पांडव पूरे जीवन तरसते रहे, लेकिन उनके जीवन में सोमवती अमावस्या नहीं आई. इसी के साथ ही ऐसा माना जाता है कि सोमवार के दिन अमावस्या हमेशा बड़े भाग्य से ही आती है इस कारण से इसका महत्व बढ़ जाता है. कहा जाता है इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर तर्पण किया जाता है. इसी के साथ सोमवार चंद्रमा का दिन है और इस अमावस्या को सूर्य तथा चंद्र एक सीध में रहते हैं इस कारण से यह पर्व विशेष पुण्य देने वाला है. कहते हैं सोमवती अमावस्या भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है, इस दिन गंगा स्नान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इसी के साथ अमावस्या के दिन के लिए शास्त्रों में माना जाता है कि वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित होता है. कहते हैं सोमवती अमावस्या पर पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है और इस दिन विवाहित स्त्रियां पीपल के वृक्ष में दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चंदन से पूजा कर इसकी परिक्रमा करती हैं. इसी के साथ इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और तुलसी की पूजा करना चाहिए. वहीं यह मान्यता है कि इस अमावस्या पर सूर्यदेव को अर्घ्य देने से घर से दरिद्रता दूर हो सकती है और यह अमावस्या स्नान, दान के लिए श्रेष्ठ होती है. जिस महिला की उंगलियां होती है मोटी और भरी, उनसे जरूर करें शादी ऐसी नाक वाले लोग होते हैं लकी, जीवन में आता है राजयोग अपनी पत्नी की हर इच्छा पूरी करते हैं इस नाम के लड़के