हरिद्वार: श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा की हथिनी पवनकली की बीते सोमवार यानी 2 मार्च 2020 को मौत हो गई. वहीं इस बात का पता चला है कि उसे कैंसर था. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि बीते सोमवार को 4.00 बजे हथिनी पवन कली की हरिद्वार बिल्केश्वर कालोनी स्थित निर्मला छावनी में मौत हो गई. वह करीब 80 साल की थी. आज मंगलवार को हथनी पवनकली को भू-समाधि देने से पूर्व चादर चढ़ाई गई. बैंड-बाजों के साथ भू-समाधि दी गई. श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा के साधु-संतों का पवन कली से विशेष लगाव था. वह उनके परिवार के सदस्य की तरह थी. अखाड़े के महंत और महावत की आंखें भर आईं: मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि पवनकली की मौत पर अखाड़े के महंत अमनदीप और उनके अन्य साथी तथा महावत की आंखें भर आईं. जंहा अखाड़े के महंत ज्ञान देव सिंह महाराज ने पवन कली के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वह हमारे परिवार के सदस्य तरह थी. उसके निधन से अखाड़े में सूनापन आ गया है. वहीं इस बात पर भी गौर किया जा रहा है कि अखाड़े के महंत अमनदीप सिंह पिछले छह महीने से पवन कली की सेवा कर रहे थे. लेकिन पवन कली हरिद्वार की शोभा थी. हरिद्वार के हर धार्मिक उत्सव और कुंभ के अवसर पर शाही स्नान में पेशवाइयों में सबसे आगे चलती थी. मंगलवार को 12 बजे पवनकली को निर्मला छावनी में भू समाधि दी जाएगी और उसका स्मारक बनाया जाएगा. प्रेमी युगल ने जहर खाकर कर दी जान, कमरे में पड़े मिले शव सुरक्षाबलों ने मार गिराए 8 रोहिंग्या मुसलमान, मृतकों में एक व्यवसायी भी शामिल कर्ज चुकाने का नोटिस मिलते ही हार्ट अटैक से किसान की मौत