चंडीगढ़: अक्सर स्कूलों और अभिभावकों के बीच दाखिले की प्रक्रिया को लेकर मतभेद देखने को मिलते हैं, अब ताजा मामला शिक्षा विभाग और प्राइवेट स्कूल्स के बीच फिर ई.डब्ल्यू.एस. कोटे पर एडमिशन को लेकर मदभेद देखने को मिला हैं. इस मतभेद के कारण एक बार फिर गरीब अभिभावकों की परेशानी बढ़ती हुई नजर आ रही है. वीरवार को एजुकेशन सैक्रेटरी डायरैक्टर ऑफ स्कूल एजुकेशन और प्राइवेट स्कूल की नई गठित कमेटी की मीटिंग में सभी प्राइवेट स्कूलों द्वार इस मुद्दे को अहम रूप से उठाया गया, तत्पश्चात शिक्षा विभाग के द्वारा सभी निजी स्कूलों से रिइंबर्समेंट मुद्दे पर सोच विचार करने के लिए 10 दिन का वक्त मांगा है. वही अगर निजी स्कूलों और शिक्षा विभाग के मध्य विवाद थमता हुआ नहीं दीखता हैं, तो इसका दुष्परिणाम ई.डब्ल्यू.एस. वर्ग के तहत आने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों को ही उठाना पड़ सकता है. हालांकि मीटिंग में इस बात पर भी विचार रखे गए कि एजुकेशन सैके्रटरी द्वारा मामले की जांच के बाद अभिभावको को उनके कोटे की सीटों की फीस पूर्णत: लौटाई जा सकती हैं. वेतन देने में होंगी परेशानी... एच.एस मामिक के अनुसार अगर शिक्षा विभाग ने इस मुद्दे पर जल्द फैसला नहीं लिया तो टीचर्स का वेतन देना मुश्किल हो जाएगा और स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा विभाग की किसी भी बात से इंकार नहीं है, हम 25 प्रतिशत सीटों पर ई.डब्ल्यू.एस कोटे के छात्रों को एडशिन देने को तैयार हैं लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा नियमों अनुसार उन सभी सीटों के लिए कम से कम उन्हें भुगतान तो किया जाए जो आर.टी.ई के तहत बनाए गए नियमों का ही एक हिस्सा है. यें भी पढ़ें- जानिए, क्या कहता हैं 18 नवम्बर का इतिहास विद्यार्थी हैं, तो इन तरीको से करे सेविंग्स मेहनत कर परिणाम को बेहतर बनाएं: उपायुक्त मेहता जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ.