भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की परिवर्तिनी एकादशी 6 सितंबर 2022, दिन मंगलवार को है। जी हाँ और ऐसी मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी पर व्रत रखकर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से घर में खुशहाली आती है, तनाव से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस व्रत को रखने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं और शत्रु भी खत्म हो जाते हैं। आपको बता दें कि परिवर्तिनी एकादशी को जलझूलनी एकादशी एवं पद्म एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। जी हाँ और कई जगहों पर इसे डोल ग्यारस के नाम से जाना जाता है। वहीं मान्यताओं के अनुसार, परिवर्तनी एकादशी पर कुछ कामों को करने की सख्त मनाही है। जी हाँ और जो व्यक्ति इन नियमों की अनदेखी करता है उसका एकादशी का व्रत न सिर्फ खंडित हो जाता है बल्कि उसे विपदाएं घेर लेती हैं। अब हम आपको बताते हैं किन कामों को करने से बचना चाहिए। झूठ बोलना- परिवर्तनी एकादशी के दिन मन में सात्विक भाव ही रखें। इस दिन न किसी के प्रति बुरा सोचें न करें न ही मुख से किसी के प्रति अपशब्दों का उच्चारण करें। इसी के साथ परिवर्तिनी एकादशी के दिन विष्णु भगवान अधिक से अधिक से ध्यान करें। झूठ बोलने से बचें, किसी का दिल नहीं दुखाए न ही किसी व्यक्ति की निंदा करें। क्रोध करना- इस दिन सिर्फ भगवान का गुणगान करें। इसी के साथ एकादशी के दिन क्रोध न करें वाद-विवाद से दूर रहें। चावल खाना- किसी भी एकादशी तिथि पर चावल का सेवन करना बहुत अशुभ माना जाता है। जी हाँ और ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है। मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए- एकादशी के दिन मांस- मंदिरा का सेवन न करें। जी हाँ और इसी के साथ इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें। ब्रह्मचर्य का पालन- एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। अक्टूबर में जाए घूमने केरल, IRCTC दे रहा शानदार और किफायती एयर टूर पैकेज राहुल गांधी के इस बयान का बचाव करने उतरे कांग्रेस नेता, पीएम मोदी पर साधा निशाना 'मेरे धर्म में कई कुरीतियां हैं' कहकर मुस्लिम लड़की ने बदला धर्म और रचा ली हिंदू लड़के से शादी