नई दिल्ली : चार दिन के अवकाश के बाद आज शुरू होने वाले संसद के सत्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे. कांग्रेस और भाजपा ने अपने सदस्यों की मौजूदगी को सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी किया है, ताकि दोनों सदनों में सदस्य उपस्थित रहें. आज दोनों दल अपनी अपनी रणनीति बनाएंगे. यदि विपक्ष नोटबन्दी के मुद्दे पर सरकार के चर्चा के प्रस्ताव को मान लेता है, तो ठीक अन्यथा इस सत्र के शेष तीन दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ सकते हैं. बता दें कि चालू सत्र में नोटबन्दी के कारण बहुत कम विधायी कार्य हो पाया है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस को लगता है कि सत्तारूढ़ पक्ष नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानियों से ध्यान हटाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मुद्दे को उठाकर बड़े नेताओं को घेर सकती है.उधर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक बार फिर कहा कि सरकार नोटबंदी के विषय पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है.उन्होंने राष्ट्रीय दृष्टिकोण से विपक्ष से चर्चा में शामिल होने कीअपील की. जबकि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस अपने रुख पर अड़े हैं. विपक्ष का कहना है कि चर्चा वोटिंग वाले प्रावधान के तहत होनी चाहिए वहीं सत्तापक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया है. सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री शीतकालीन सत्र के बाकी तीन दिन संसद में मौजूद रहेंगे और जरूरत पड़ने पर किसी भी सदन में कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं.बता दें कि गत 16 नवंबर को शुरू हुए शीतकालीन सत्र का समापन आगामी शुक्रवार को हो जाएगा.नोटबंदी और अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण यह सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया लगता है. इसी कारण विधायी कार्य कम हुए.सिर्फ दो जरूरी विधायी कामकाज हंगामे के बीच निपटाए जिनमें आयकर संशोधन विधेयक का पारित होना और अनुदान की पूरक मांगों की मंजूरी शामिल है. कांग्रेस बोली-कौन रोक रहा है मोदी को... भगवान के लिए अपना काम करें और चलने दे संसद: प्रणब मुखर्जी