लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच देश में लगे लॉकडाउन के दौरान कई राज्य सरकारों ने श्रम कानूनों में बदलाव किए हैं. ऐसे में अब इसको लेकर श्रम संसदीय समिति सचेत हो गई है. संसद की श्रम मामलों की स्थायी समिति ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से श्रम कानूनों के कमजोर किए जाने को लेकर जवाब मांगा है. अगर रेलवे ने यात्रा करने से रोका तो, कैसे मिल पाएगा टिकट का पैसा रिफंड इस मामले को लेकर समिति के अध्यक्ष भर्तुहरि महताब ने कहा कि श्रमिकों का शेषण करके उधोगों को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है.उत्तर प्रदेश के अलावा कई राज्यों से जवाब मांग गया है. इसमें भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश और असम शामिल है. इसके साथ ही कांग्रेस शासित राज्य को भी इस लिस्ट में शामिल हैं. कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और पंजाब से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. वुहान की लैब में बना है कोरोना, केंद्र मंत्री ने बोली चौकाने वाली बात आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कांग्रेस और भाजपा शासित प्रदेश के अलावा बीजू जनता दल शासित सरकार ओडिशा से भी जवाब मांगा गया है. खास बात यह है कि महताब भी बीजद से ही आते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में आर्थिक गतिविधियों को बेहतर करने के लिए श्रम कानूनों में बदलाव किया था, जिसमें मजदूरों के लिए काम करने की समय-सीमा बढ़ाई गई थी. इस दिन से होगी 12 वी बोर्ड परीक्षा, एग्जाम की तिथि हुई घोषित सुप्रीम कोर्ट जज का बड़ा बयान, बताया कैसे न्यायपालिका को कोरोना ने किया मजबूत कोरोना संक्रमित की संख्या 74 हजार के पार पहुंची, सिर्फ इन राज्यों में 52 हजार पॉजीटिव मरीज