चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केंद्र सरकार के बीच पेरिस ओलंपिक को लेकर विवाद बढ़ गया है। भगवंत मान पेरिस जाकर हॉकी टीम का हौसला बढ़ाने की योजना बना रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने इस दौरे के लिए पॉलिटिकल क्लीयरेंस देने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि वे नहीं चाहते कि कोई अन्य नेता देश का प्रतिनिधित्व करे, यही कारण है कि उनके पेरिस दौरे को मंजूरी नहीं दी गई। हालाँकि, केंद्र ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उनकी यात्रा को मंजूरी देने से मना कर दिया है। भगवंत मान 3 से 9 अगस्त तक पेरिस जाने की योजना बना रहे थे, साथ में उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर और कुछ सुरक्षा अधिकारियों के साथ भी यात्रा का कार्यक्रम था। मान ने कहा कि हॉकी के पहले मैच के बाद ही उन्होंने पेरिस जाने का फैसला किया था, लेकिन विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीएम ऑफिस की ओर से आवेदन में देरी की गई थी, जिसे मान ने झूठा बताया। विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर यात्रा की मंजूरी देने से इनकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि, सीएम मान को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा प्राप्त है, और विदेश यात्रा के दौरान इतनी जल्दी सुरक्षा इंतजाम करना संभव नहीं होता। इसके अलावा, सीएम के पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होता है, जिसके लिए विदेश मंत्रालय की अनुमति जरूरी होती है। शुक्रवार शाम को ही विदेश मंत्रालय ने सीएम कार्यालय को उनके दौरे को मंजूरी न देने का संदेश भेजा। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनके ओलंपिक में पंजाब के 19 खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करना उनकी ड्यूटी है, और उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इससे पहले आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और मंत्री गोपाल राय को भी विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी गई थी, और पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा को भी अमेरिका जाने की अनुमति नहीं मिली है, जिसके लिए उन्हें कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। आखिर कैसे ख़त्म हो आतंकवाद ? जम्मू कश्मीर के 5 पुलिसकर्मी ही निकले आतंकियों के मददगार, कुल 6 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त बाढ़ और भूस्खलन से जूझ रहा केरल, 308 की मौत, लेकिन हमास चीफ की मौत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे वहां के मुसलमान, Video हमास चीफ को मारने में खुद ईरानी एजेंट्स ने की थी इजराइल की मदद, रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा