लोजपा में टूट पर पशुपति पारस ने तोड़ी चुप्पी, कहा- मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में दो फाड़ होने के संकेत मिल रहे हैं और समझा जा रहा है कि उसके छह लोकसभा सांसदों में से पांच ने चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद पर चुनने के लिए हाथ मिला लिया है। सूत्रों ने बताया कि सांसदों के इस समूह ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को अपना यह फैसला बता दिया है।

सूत्रों ने कहा कि, "लोजपा सांसदों ने रविवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की और उन्हें पार्टी में नए घटनाक्रम के संबंध में एक पत्र सौंपा। उन्होंने उनसे पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा का नया नेता मानने का आग्रह किया।" वहीं बिहार के हाजीपुर से लोजपा के लोकसभा सांसद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मैं अकेला महसूस कर रहा हूं। पार्टी की कमान जिनके हांथ में गई। पार्टी के 99% कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में NDA गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी NDA में बने रहें।

उन्होंने आगे कहा कि लोजपा बिखर रही थी, कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारी पार्टी में सेंध मारी और 99% कार्यकर्ताओं के भावना की अनदेखी करके गठबंधन को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं। 5 सांसदों की इच्छा थी की पार्टी का अस्तित्व समाप्त हो रहा है, इसलिए पार्टी को बचाया जाए। मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है, बल्कि उसे बचाया है। चिराग पासवान से कोई शिकायत नहीं है। कोई आपत्ति नहीं है, वे पार्टी में रहें।

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