भ्रामक प्रचार के लिए पतंजलि पर लगा 11 लाख का जुर्माना

हरिद्वार : बाबा रामदेव की कंपनी 'पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड' एक बार फिर विवादों के कारण सुर्ख़ियों में है. इस बार उसे भ्रामक प्रचार और मिस ब्रेंडिंग के पांच मामलों में दोषी पाया गया है. एडीएम हरिद्वार (न्याय निर्णायक अधिकारी) ने 'पतंजलि' आयुर्वेद की पांच उत्पादन यूनिटों पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

उल्लेखनीय है कि यह मामला चार साल पुराना है, जिसमें अब फैसला आया है. इस मामले से जुड़े नमूने 16 अगस्त 2012 को जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से हरिद्वार प्रभारी योगेंद्र पांडेय ने कनखल स्थित दिव्य योग मंदिर से 'पतंजलि' द्वारा उत्पादित बेसन, शहद, कच्ची घानी का सरसों का तेल, जैम एवं नमक के नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर लैब में भेजा गया था.रिपोर्ट में उत्पादों के नमूने फेल पाए गए तो जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने एडीएम कोर्ट में वर्ष 2012 में वाद दायर किया था.

इस मामले में कोर्ट ने माना कि 'पतंजलि' जिन उत्पादों को अपनी यूनिटों में उत्पादित बताकर उनके लेबल पर बेच रही थी, वह किसी दूसरी यूनिटों में बने थे.कहा गया कि यह सीधे तौर पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 की धारा 52-53 और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (पैकेजिंग एंड लेबलिंग रेग्युलेशन-2011) की धारा 23.1(5) का उल्लंघन है. इस पर हरिद्वार ने न्याय निर्णायक अधिकारी ने 'पतंजलि' आयुर्वेद की पांच उत्पादन यूनिटों पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जिसे एक माह में जमा करना है. इस फैसले से 'पतंजलि', जिसका टर्नओवर वर्तमान में 5 हजार करोड़ है, अगले वित्तीय वर्ष तक इसे 10 हजार करोड़ करने की तरफ कदम बढ़ा रही है, उसकी  और बाबा रामदेव की साख पर असर पड़ेगा.

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