गुजरात में भी कोविड को लेकर स्थिति बहुत खराब होती जा रही है। राज्य में मंगलवार को रिकॉर्ड तोड़ कोविड के नए केस सामने आए तो यहां के सरकारी हॉस्पिटल में बेड नहीं होने के कारण से मरीज को घर से ही बेड लेकर आना पड़ रहा है। राजकोट में मंगलवार सुबह सिविल के पास चौधरी ग्राउंड में 100 से अधिक एंबुलेंस और निजी वाहनों की कतार देखने को मिली है। राजकोट में कोविड मरीजों की स्थिति बहुत खराब है। शहर के चौधरी हाईस्कूल के मैदान में हॉस्पिटल में भर्ती होने की प्रतीक्षा कर रहे मरीज के परिवारों को अपने स्तर पर ही उपचार की व्यवस्था करने में लगे हुए है। यहां के एक मरीज को कल रात से राजकोट कोरोना वायरस हॉस्पिटल में बिस्तर नहीं मिला तो परिजन घर से बेड लाकर जमीन पर मरीज का उपचार करवाने को मजबूर हैं। सुबह से ही सिविल हॉस्पिटल के पास चौधरी मैदान में 100 से अधिक एंबुलेंस और निजी वाहनों की कतार देखने को मिली है। कोविड के बढ़ते केसों की वजह से राजकोट के निजी हॉस्पिटल के सभी बेड अब भर गए हैं। सिविल हॉस्पिटल में भी, मरीजों को उपचार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। कई मरीज तो ऐसे भी हैं जो रात से ही लाइन में खड़े हैं। मरीजों के लिए अस्पताल में जगह नहीं: कोविड के मरीज 108 के माध्यम से सिविल हॉस्पिटल में आ रहे हैं, लेकिन वर्तमान में 108 में इतना इंतजार है कि बाकी मरीजों को अपने निजी वाहनों में आना पड़ता है। जिन मरीजों को 108 की सेवा नहीं मिल रही है। वे निजी वाहनों में सिविल हॉस्पिटल आ रहे हैं। राजी बहन जो अपने साथ बेड लेकर आई उनका बोलना है कि ऑटो में मरीज अधिक समय बैठ नहीं सकते। हॉस्पिटल में बिस्तर है नहीं, ऐसे में हम खटिया लेकर आए हैं अब तो उपचार शुरू करें। कई मरीज ऑक्सीजन की बोतल के साथ रिक्शा में सिविल हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। चौधरी हाईस्कूल के मैदान में भी लंबी कतारें देखने के लिए मिल रही है। सभी निजी वाहनों के साथ ही एंबुलेंस में भी ऑक्सीजन के साथ मरीजों को यहां लाया जाता है। कई मरीजों को हॉस्पिटल के मैदान में एंबुलेंस के अंदर उपचार किया जा रहा है क्योंकि उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। राजकोट की स्थिति बहुत चिंताजनक है। महाराष्ट्र सरकार का बड़ा ऐलान, अब अति आवश्यक सेवाओं की दुकानें भी रहेगी बंद भारत में दीर्घकालिक उपस्थिति के निर्माण के लिए कोका कोला करेगा रणनीतिक निवेश आंध्रप्रदेश सीएम ने कडप्पा जिला सिंचाई विभाग को लेकर अधिकारियों को दिए ये शख्त निर्देश