पटना: बिहार कांग्रेस में टूट की अटकलों के बीच बिगड़ी बात बनाने पटना पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने दो दिनों तक विधायकों और एमएलसी सदस्यों से मुलाक़ात के बाद कांग्रेस विधायकों को दो टूक कह दिया कि कांग्रेस बिहार में लालू का साथ नहीं छोड़ेगी. इस घोषणा से फिलहाल कांग्रेस का विभाजन भले ही टल गया हो. लेकिन निकट भविष्य में किसी बड़ी हलचल से इंकार नहीं किया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार व गुरुवार को 21 विधायकों व दो विधान पार्षदों से मुलाकात के बाद बैठक में संकेत दे दिया कि भाजपा के ख़िलाफ संघर्ष में लालू का साथ नहीं छोड़ना चाहते. पार्टी लालू के साथ ही रहेगी. हालांकि. यह एक विडंबना ही है कि पिछले सात सालों में राहुल ने कभी भी लालू के साथ राजनीतिक मंच साझा नहीं किया. राहुल ने ये भी कहा कि बिहार कांग्रेस में जल्द ही फेरबदल कर प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम का एलान किया जाएगा. लेकिन इस फैसले से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अब विपक्ष के हमले तेज हो जाएंगे. बता दें कि पार्टी सूत्रों ने कहा कि राहुल को बताया कि अशोक चौधरी और सदानंद सिंह ही विधायकों को लालू प्रसाद के विरोध के नाम पर तोडऩे की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने राजनीतिक नुकसान के बहाने 13 विधायकों से हस्ताक्षर कराए थे. इसीलिए अशोक चौधरी ने पत्नी व बेटी की बीमारी का बहाना बनाकर राहुल से मुलाकात नहीं की. भले ही राहुल ने लालू का साथ देने को कहा हो लेकिन लालू का साथ देने पर पार्टी को नुकसान हो सकता है. लालू के मुद्दे पर राहुल की साख दांव पर लग गई है. इसके बाद भी अगर पार्टी में टूट हुई तो उसका ठीकरा भी राहुल के माथे पर फूटेगा. जानिए क्या चल रहा है हमारे देश की राजनीती में, पढिये राजनीतिक पार्टी से जुडी ताज़ा खबरें बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी से पार्टी हुई नाराज, हो सकती है जल्दी छुट्टी लालू यादव और तेजस्वी यादव से CBI करेगी पूछताछ